(प्रेमनी=प्रेम की, मने=मुझे,मेरे हृदय में, भरण गयाँताँ= भरने गई थी, हती=थी, हेमनी=सोने की, काचेते तातणे= कच्चे धागे से,प्रेम बन्धन द्वारा, जेम=जिस प्रकार जैसे, तेम तेमनी=उसी प्रकार, शामली=साँवरी, शुभ=मनोहर, गमनी=ऐसे ही है)
--------------------------- जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥ येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥१॥ कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥२॥ येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥३॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥४॥
जमुनामों कैशी जाऊं मोरे सैया। बीच खडा तोरो लाल कन्हैया॥ध्रु०॥ ब्रिदाबनके मथुरा नगरी पाणी भरणा। कैशी जाऊं मोरे सैंया॥१॥ हातमों मोरे चूडा भरा है। कंगण लेहेरा देत मोरे सैया॥२॥ दधी मेरा खाया मटकी फोरी। अब कैशी बुरी बात बोलु मोरे सैया॥३॥ शिरपर घडा घडेपर झारी। पतली कमर लचकया सैया॥४॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलजाऊ मोरे सैया॥५॥
meera Bai Bhajan Lyrics Hindi,Meera Bai Padawali Hindi Lyrics
जल कैशी भरुं जमुना भयेरी॥ध्रु०॥ खडी भरुं तो कृष्ण दिखत है। बैठ भरुं तो भीजे चुनडी॥१॥ मोर मुगुटअ पीतांबर शोभे। छुम छुम बाजत मुरली॥२॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चणरकमलकी मैं जेरी॥३॥
जल भरन कैशी जाऊंरे। जशोदा जल भरन॥ध्रु०॥ वाटेने घाटे पाणी मागे मारग मैं कैशी पाऊं॥ज० १॥ आलीकोर गंगा पलीकोर जमुना। बिचमें सरस्वतीमें नहावूं॥ज० २॥ ब्रिंदावनमें रास रच्चा है। नृत्य करत मन भावूं॥ज० ३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हेते हरिगुण गाऊं॥ज० ४॥