आज मारे साधुजननो संगरे राणा मीरा बाई पदावली

आज मारे साधुजननो संगरे राणा मीरा बाई पदावली

आज मारे साधुजननो संगरे राणा
आज मारे साधुजननो संग रे राणा। मारा भाग्ये मळ्यो॥टेक॥
साधुजननो संग जो करीये पियाजी चडे चोगणो रंग रे॥१॥
सीकुटीजननो संग न करीये पियाजी पड़े भजनमां भंगरे॥२॥
अडसट तीर्थ संतोनें चरणें पियाजी कोटी काशी ने कोटी गंगरे॥३॥
निंदा करसे ते तो नर्क कुंडमां जासे पियाजी थशे आंधळा अपंगरे॥४॥
मीरा कहे गिरिधरना गुन गावे पियाजी संतोनी रजमां शीर संगरे॥५॥


(जननो=जनों का, चौगुणो=चार गुना बहुत अधिक,
साकत=शक्ति सम्प्रदाय के अनुयायी,ये लोग दुर्गा,
काली आदि देवियों की उपासना करते हैं। ये प्रायः
वाममार्गी होते हैं और अपने सम्प्रदाय में विहित
मद्य, मांस आदि का सेवन करते हैं। नारी को ये
लोग शक्ति का प्रतीक मानते हैं तथा उसकी पूजा
एवं सेवा में रत रहते हैं, संतो नें चरणों=सन्तों के
चरणों में ही, करसे=करेगा, आंधला=अन्धा, अपंग=
अंगरहित, लूला, रज=धूल)
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