पिहु की बोलि न बोल लिरिक्स Pihu Ki Boli Lyrics Meera Padawali

पिहु की बोलि न बोल लिरिक्स Pihu Ki Boli Lyrics Meera Padawali Meera Padawali मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

पिहु की बोलि न बोल
पिहु की बोलि न बोल पपैय्या॥टेक॥
तै खोलना मेरा जी डरत है। तनमन डावा डोल॥१॥
तोरे बिना मोकूं पीर आवत है। जावरा करुंगी मैं मोल॥२॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर। कामनी करत कीलोल॥३॥
 
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कीत गयो जादु करके नो पीया॥ध्रु०॥
नंदनंदन पीया कपट जो कीनो। नीकल गयो छल करके॥१॥
मोर मुगुट पितांबर शोभे। कबु ना मीले आंग भरके॥२॥
मीरा दासी शरण जो आई। चरणकमल चित्त धरके॥३॥

कीसनजी नहीं कंसन घर जावो। राणाजी मारो नही॥ध्रु०॥
तुम नारी अहल्या तारी। कुंटण कीर उद्धारो॥१॥
कुबेरके द्वार बालद लायो। नरसिंगको काज सुदारो॥२॥
तुम आये पति मारो दहीको। तिनोपार तनमन वारो॥३॥
जब मीरा शरण गिरधरकी। जीवन प्राण हमारो॥४॥

कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥१॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥३॥
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