जान्यो मैं राजको बेहेवार उधव जी लिरिक्स
जान्यो मैं राजको बेहेवार उधव जी
जान्यो मैं राजको बेहेवार उधव जी।
मैं जान्यो ही राज को बेहेवार।
आंब काटावो लिंब लागावो।
बाबल की करो बाड॥ १॥ चोर बसावो सावकार दंडावो।
नीती धरमरस बार॥ २॥
मेरो कह्यो सत नही जाणयो।
कुबजाके किरतार॥ ३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर।
अद्वंद दरबार॥ ४॥ ---------------------------