नींद न आवे बिरह सतावे नींद न आवे बिरह सतावे, प्रेम की आँच ढुलावै।।टेक।। बिन पिया जोत मँदिर अँधियारो, दीपक दाय न आवै। पिया बिन मेरी सेज अलूनी, जागत रैण बिहावै। पिया कब रे घर आवै। दादुर मोर पपीहा बोलै, कोयल सबद सुणावै। घुँमट घटा ऊलर होई आई, दामिन दमक डरावै।
नैन झर लावै। कहा करूँ कित जाऊं मोरी सजनी, बैदन कूण बुतावै। बिरह नागण मोरी काय डसी है, लहर लहर जिव जावै। जड़ी घस लावै। कोहै सखी सहेली सजनी, पिया कूँ आन मिलावै। मीराँ कूं प्रभु कब रे मिलोगे, मन मोहन मोहि भावै। कब हँस कर बतलावै।।
(आँच=आग, ढुलावै=इधर-उधर डुलाती फिरती है, बेचैन किये रहती है, जोत=ज्योति प्रकाश, मंदिर=घर, दाय=पसन्द, अलूनी=फीकी, ऊलर होई आई=झुक आई, बैदन=वेदना को, बुतावै=शांत करे, जड़ी=औषधि)
meera Bai Bhajan Lyrics Hindi,Meera Bai Padawali Hindi Lyrics
--------------------------- तुम्हरे कारण सब छोड्या, अब मोहि क्यूं तरसावौ हौ। बिरह-बिथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावौ हो॥ अब छोड़त नहिं बड़ै प्रभुजी, हंसकर तुरत बुलावौ हौ। मीरा दासी जनम जनम की, अंग से अंग लगावौ हौ॥