नींद नहीं आवे जी सारी रात लिरिक्स Nind Nahi Aave Ji Sari Raat Lyrics

नींद नहीं आवे जी सारी रात लिरिक्स Nind Nahi Aave Ji Sari Raat Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

नींद नहीं आवे जी सारी रात
नींद नहीं आवे जी सारी रात ।।टेक।।
करवट लेकर रोज टटोलूँ, पिया नहीं मेरे साथ।
सगरी रैन मोहै तरफत बीती, सोच सोच जिय जात।
मीराँ के प्रभु गिरधरनागर आज भयो परभात।।
(सगरी=सारी, तरफत=तड़पते हुए, जिय जात= प्राण निकल जाते है, परभात=प्रभात)
 
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तोसों लाग्यो नेह रे प्यारे, नागर नंद कुमार।
मुरली तेरी मन हर्यो, बिसर्यो घर-व्यौहार॥
जब तें सवननि धुनि परि, घर आँगण न सुहाइ।
पारधि ज्यूँ चूकै नहीं, मृगी बेधी दइ आइ॥
पानी पीर न जानई ज्यों मीन तड़फि मरि जाइ।
रसिक मधुप के मरम को नहिं समुझत कमल सुभाइ॥
दीपक को जो दया नहिं, उड़ि-उड़ि मरत पतंग।
'मीरा' प्रभु गिरिधर मिले, जैसे पाणी मिलि गयो रंग॥

थारो विरुद्ध घेटे कैसी भाईरे॥ध्रु०॥
सैना नायको साची मीठी। आप भये हर नाईरे॥१॥
नामा शिंपी देवल फेरो। मृतीकी गाय जिवाईरे॥२॥
राणाने भेजा बिखको प्यालो। पीबे मिराबाईरे॥३॥

तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,मैं हाजिर-नाजिर कद की खड़ी॥
साजणियां दुसमण होय बैठ्या, सबने लगूं कड़ी।
तुम बिन साजन कोई नहिं है, डिगी नाव मेरी समंद अड़ी॥
दिन नहिं चैन रैण नहीं निदरा, सूखूं खड़ी खड़ी।
बाण बिरह का लग्या हिये में, भूलुं न एक घड़ी॥
पत्थर की तो अहिल्या तारी बन के बीच पड़ी।
कहा बोझ मीरा में करिये सौ पर एक धड़ी॥

हे री मैं तो प्रेम दिवानी, मेरो दरद न जाणै कोय।
सूली ऊपर सेज हमारी सोवण किस विध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की किस विध मिलणा होय।
घायलकी गत घायल जाणै जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै दूजा न जाणै कोय।
दरद की मारी बन-बन डोलूँ बैद मिल्या नहिं कोय।
मीराँ की प्रभु पीर मिटे जब बैद साँवलिया होय।
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