भीड़ छाँडि बीर वैद मेरे लिरिक्स Bheed Chhadi Beer Lyrics

भीड़ छाँडि बीर वैद मेरे लिरिक्स Bheed Chhadi Beer Lyrics मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

भीड़ छाँडि बीर वैद मेरे
भीड़ छाँडि बीर वैद मेरे पीर न्यारी है।।टेक।।
करक कलेजे मारी ओखद न लागे थाँरी।
तुम घरि जावो बैद मेरे पीर भारी है।
विरहित बिरह बाढ्यो, ताते दुख भयो गाढ़ो।
बिरह के बान ले बिरहनि मारी है।
चित हो पिया की प्यारी नेकहूँ न होवे न्यारी।
मीराँ तो आजार बाँध बैद गिरधारी है।।
(पीर=पीड़ा, करक=कसक,चोट, ओखद=औषधि, बिरहति=प्रियतम का विरह, चित=याद,आजार=दुःखी)
 
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर।
हम चितवत तुम चितवत नाहीं
मन के बड़े कठोर।
मेरे आसा चितनि तुम्हरी
और न दूजी ठौर।
तुमसे हमकूँ एक हो जी
हम-सी लाख करोर।।
कब की ठाड़ी अरज करत हूँ
अरज करत भै भोर।
मीरा के प्रभु हरि अबिनासी
देस्यूँ प्राण अकोर।।

छोड़ मत जाज्यो जी महाराज॥
मैं अबला बल नायं गुसाईं, तुमही मेरे सिरताज।
मैं गुणहीन गुण नांय गुसाईं, तुम समरथ महाराज॥
थांरी होयके किणरे जाऊं, तुमही हिबडा रो साज।
मीरा के प्रभु और न कोई राखो अबके लाज॥

आवो सहेल्या रली करां हे, पर घर गावण निवारि।
झूठा माणिक मोतिया री, झूठी जगमग जोति।
झूठा सब आभूषण री, सांचि पियाजी री पोति।
झूठा पाट पटंबरारे, झूठा दिखणी चीर।
सांची पियाजी री गूदडी, जामे निरमल रहे सरीर।
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