गोविन्द गाढ़ा छौजी, दीलरा मिंत मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

गोविन्द गाढ़ा छौजी, दीलरा मिंत मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

गोविन्द गाढ़ा छौजी, दीलरा मिंत
गोविन्द गाढ़ा छौजी, दीलरा मिंत।।टेक।।
वार निहारूँ पथ बुहारूँ, ज्यूँ सुष पावै चित।
मेरे मन की तुमही जानौ, मेरो ही जीव नीचिन्त।
मीराँ के प्रभु हरि अविनासी, पूरब जनम को कंत।।

(गाढ़ा=संकट, छौजी=हितैषी, हीलरा=सहृदयत, मिंत=मित्र, वार=द्वार, नीचिन्त=चिन्ता रहित)
 
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प्रगट भयो भगवान॥ध्रु०॥
नंदाजीके घर नौबद बाजे। टाळ मृदंग और तान॥१॥
सबही राजे मिलन आवे। छांड दिये अभिमान॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। निशिदिनीं धरिजे ध्यान॥३॥

प्रभु जी तुम दर्शन बिन मोय घड़ी चैन नहीं आवड़े।।टेक।।
अन्न नहीं भावे नींद न आवे विरह सतावे मोय।
घायल ज्यूं घूमूं खड़ी रे म्हारो दर्द न जाने कोय।।१।।
दिन तो खाय गमायो री, रैन गमाई सोय।
प्राण गंवाया झूरता रे, नैन गंवाया दोनु रोय।।२।।
जो मैं ऐसा जानती रे, प्रीत कियाँ दुख होय।
नगर ढुंढेरौ पीटती रे, प्रीत न करियो कोय।।३।।
पन्थ निहारूँ डगर भुवारूँ, ऊभी मारग जोय।
मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे, तुम मिलयां सुख होय।।४।।

स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान।।
स्थावर जंगम पावक पाणी धरती बीज समान।
सबमें महिमा थांरी देखी कुदरत के कुरबान।।
बिप्र सुदामा को दालद खोयो बाले की पहचान।
दो मुट्ठी तंदुलकी चाबी दीन्हयों द्रव्य महान।
भारत में अर्जुन के आगे आप भया रथवान।
अर्जुन कुलका लोग निहारयां छुट गया तीर कमान।
ना कोई मारे ना कोइ मरतो, तेरो यो अग्यान।
चेतन जीव तो अजर अमर है, यो गीतारों ग्यान।।
मेरे पर प्रभु किरपा कीजौ, बांदी अपणी जान।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर चरण कंवल में ध्यान।।
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