दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा।
एक बार ज़माने को आज़ाद बना दूंगा।
बेचारे ग़रीबों से नफ़रत है जिन्हें, एक दिन,
मैं उनकी अमरी को मिट्टी में मिला दूंगा।
यह फ़ज़ले-इलाही से आया है ज़माना वह,
दुनिया की दग़ाबाज़ी दुनिया से उठा दूंगा।
ऐ प्यारे ग़रीबो! घबराओ नहीं दिल में,
हक़ तुमको तुम्हारे, मैं दो दिन में दिला दूंगा।
बंदे हैं ख़ुदा के सब, हम सब ही बराबर हैं,
ज़र और मुफ़लिसी का झगड़ा ही मिटा दूंगा।
जो लोग ग़रीबों पर करते हैं सितम नाहक़,
गर दम है मेरा क़ायम, गिन-गिन के सज़ा दूंगा।
हिम्मत को ज़रा बांधो, डरते हो ग़रीबों क्यों?
शैतानी क़िले में अब मैं आग लगा दूंगा।
ऐ ‘सरयू’ यक़ीं रखना, है मेरा सुख़न सच्चा,
कहता हूं, जुबां से जो, अब करके दिखा दूंगा।
दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा।
एक बार ज़माने को आज़ाद बना दूंगा।
बेचारे ग़रीबों से नफ़रत है जिन्हें, एक दिन,
मैं उनकी अमरी को मिट्टी में मिला दूंगा।
यह फ़ज़ले-इलाही से आया है ज़माना वह,
दुनिया की दग़ाबाज़ी दुनिया से उठा दूंगा।
ऐ प्यारे ग़रीबो! घबराओ नहीं दिल में,
हक़ तुमको तुम्हारे, मैं दो दिन में दिला दूंगा।
बंदे हैं ख़ुदा के सब, हम सब ही बराबर हैं,
ज़र और मुफ़लिसी का झगड़ा ही मिटा दूंगा।
जो लोग ग़रीबों पर करते हैं सितम नाहक़,
गर दम है मेरा क़ायम, गिन-गिन के सज़ा दूंगा।
हिम्मत को ज़रा बांधो, डरते हो ग़रीबों क्यों?
शैतानी क़िले में अब मैं आग लगा दूंगा।
ऐ ‘सरयू’ यक़ीं रखना, है मेरा सुख़न सच्चा,
कहता हूं, जुबां से जो, अब करके दिखा दूंगा।
इस देशभक्ति गीत में गुलामी के खिलाफ जुझारूपन और गरीबों के हक के लिए संघर्ष का प्रबल उदगार है। वतन को आजाद करने की तमन्ना एक ऐसी आग है, जो जंजीरों को पिघला देती है, जैसे सूरज बर्फ को गलाता है। गरीबों से नफरत करने वालों की अहंकारी सत्ता को मिट्टी में मिलाने का संकल्प हर सितम के खिलाफ विद्रोह की पुकार है।
यह विश्वास है कि ईश्वर का आशीर्वाद और सच्चाई की ताकत दगाबाज दुनिया को बदल देगी। गरीबों को उनका हक दिलाने और अमीरी-गरीबी के झगड़े को मिटाने का वचन सामाजिक समानता की नींव रखता है। सितम करने वालों को सजा और शैतानी किलों में आग लगाने की हिम्मत यह दर्शाती है कि सच्चा देशप्रेम कमजोरों का उत्थान करता है। यह भाव आत्मा को प्रेरित करता है कि हक और आजादी के लिए हर लड़ाई सार्थक है, जो वतन को गर्व और शांति की ओर ले जाती है।
यह विश्वास है कि ईश्वर का आशीर्वाद और सच्चाई की ताकत दगाबाज दुनिया को बदल देगी। गरीबों को उनका हक दिलाने और अमीरी-गरीबी के झगड़े को मिटाने का वचन सामाजिक समानता की नींव रखता है। सितम करने वालों को सजा और शैतानी किलों में आग लगाने की हिम्मत यह दर्शाती है कि सच्चा देशप्रेम कमजोरों का उत्थान करता है। यह भाव आत्मा को प्रेरित करता है कि हक और आजादी के लिए हर लड़ाई सार्थक है, जो वतन को गर्व और शांति की ओर ले जाती है।