रानी सती जी की आरती भजन

रानी सती जी की आरती भजन

जय श्री रानी सती मैया, जय श्री रानी सती |
अपने भक्त जनों की दूर करने विपत्ति || जय
अवनि अनवर ज्योति अखंडित मंडित चहुँ कुकुमा |
दुर्जन दलन खंग की विद्युत् सम प्रतिभा || जय
मरकत मणि मन्दिर अति मंजुल शोभा लाख न परे |
ललित ध्वजा चहुँ और कंचन कलस धरे || जय
घंटा घनन घडावल बाजे शंख मृदंग धुरे |
किंनर गायन करते वेद ध्वनि उचरे || जय
सप्त मातृका करें आरती सुरगण ध्यान धरे |
विविध प्रकार के व्यंजन श्री भेंट धरे || जय
संकट विकट विडानि नाशनि हो कुमती |
सेवक जन हृदि पटले मृदुल करन सुमती || जय
अमल कमल दल लोचनि मोचनि त्रय तापा |
"शांति " सुखी मैया तेरी शरण गही माता || जय
या मैया जी की आरती जो कोई नर गावे |
सदन सिद्धि नवनिधि फल मन वांछित पावें || जय
 
सुंदर भजन में रानी सती मैया की महिमा अनंत और मन को मोहने वाली है। उनकी ज्योति ऐसी अखंडित है, जो सदा भक्तों के जीवन को प्रकाशित करती है, जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को चीर देती हैं। दुर्जनों का दमन करने वाली उनकी शक्ति और मरकत मणि जैसे मंदिर की शोभा हृदय को आकर्षित करती है।

घंटों, शंखों और मृदंग की ध्वनि के बीच किन्नरों का गायन और वेदों का उच्चारण उनके दरबार को दिव्य बनाता है। सप्त मातृकाएँ उनकी आरती करती हैं, और भक्त विविध भेंटों से उनका पूजन करते हैं। मैया संकटों को नष्ट करने वाली और भक्तों के मन को शुद्ध बुद्धि से भरने वाली हैं। उनकी कृपा त्रिविध तापों को हर लेती है, और जो उनके चरणों में शरण लेता है, उसे शांति व सुख मिलता है। यह भक्ति का उदगार है कि मैया की आरती गाने वाला मनवांछित फल पाता है, और उसकी आत्मा परम आनंद में लीन हो जाती है।
 


सुन्दर भजन में रानी सती मैया की अपरम्पार महिमा का उदगार है। उनकी ज्योति अमर और अखंड है, जो भक्तों के जीवन को हर परिस्थिति में प्रकाशित करती है। उनकी शक्ति दुर्जनों के अहंकार को नष्ट करती है और धर्म के मार्ग को प्रशस्त करती है। भक्त उनके अलौकिक मंदिर की दिव्यता को अनुभव करते हैं, जहाँ भक्ति की लहरें उमड़ती हैं।

मंदिर प्रांगण में बजते घंटे, शंख और मृदंग की गूंज, वेदों के मंत्रों की दिव्य ध्वनि से वातावरण आलोकित होता है। सप्त मातृकाएँ उनके चरणों की आरती करती हैं, और भक्त श्रद्धा से भेंट अर्पित करते हैं। उनकी कृपा से दुखों का नाश होता है, और मन निर्मलता एवं शांति से परिपूर्ण हो जाता है।

रानी सती मैया की आराधना से आत्मा को शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है। उनके चरणों में शरण लेने से मन शांत होता है और भक्त निःसंकोच उनकी कृपा का अनुभव करते हैं। उनकी आरती से भक्तों को अपार आनंद और मन की स्थिरता मिलती है, जिससे जीवन में सुख, समर्पण और दिव्यता का प्रवाह बना रहता है।
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