टाबर तेरा ने तू लगाले भजन
टाबर तेरा ने तू लगाले भजन
टाबर तेरा ने तू लगाले,ओ खाटू का श्याम
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
बेगो आज्या खाटू वाला ,
टाबरिया दुःख पावे रे,
टालमटोल कर मत बाबा,
सुनले खोलकर कान,
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
अटकी नैया टाबरिया की,
सूझे नहीं किनारो जी,
देर करया डूबेगी नैया,
केवटियो अनजान
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
तेरे भरोसे सेठ सांवरा,
जग में निर्भय डोला रे,
टाबरिया ओ ओ मेरे बाबा,
थारे पर दारमदार
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
छोटी सी एक अरज हमारी,
हिवड़े में बस जाओ जी
जीवा जब तक रहवा चैन सु,
अंत मिले थारो धाम
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
श्याम हनुमान मंडल के,
टाबरिया ने बेगो बुलाले रे,
तेरी दया सै ओ मेरे बाबा ,
किस विध करू बखान,
टाबर तेरा ने तू लगा ले।
Taabar Teraan Tu Gale Lagale
सुंदर भजन में खाटू वाले श्रीकृष्णजी के प्रति एक भक्त की करुण पुकार और उनके भरोसे पर अटल विश्वास का भाव उभरता है। यह ऐसा है, जैसे कोई नन्हा टाबर (बच्चा) अपने प्यारे बाबा से गिड़गिड़ाकर अपनी नैया पार लगाने की विनती कर रहा हो। “टाबर तेरा ने तू लगाले” की पंक्ति उस आत्मीय रिश्ते को दर्शाती है, जैसे कोई अपने रक्षक को अपने सबसे करीबी के रूप में पुकारता हो।
भक्त का खाटू आने और दुखों से मुक्ति की गुहार लगाना उस तड़प को दिखाता है, जो उसे श्याम के दर पर लाती है। “टालमटोल मत कर, सुनले खोलकर कान” में वह चंचलता और विश्वास झलकता है, जैसे कोई अपने प्रिय से थोड़ा नाराज़ होकर फिर भी प्यार से बात करे। अटकी नैया और अनजान केवट का जिक्र उस जीवन की मुश्किलों को बयान करता है, जहाँ श्रीकृष्णजी ही एकमात्र सहारा हैं।
तेरे भरोसे निर्भय डोलने और सारा दारोमदार श्याम पर होने का भाव उस पूर्ण समर्पण को प्रकट करता है, जैसे कोई अपनी सारी जिम्मेदारी अपने गुरु को सौंप दे। हृदय में श्याम को बसाने और उनके धाम में अंत तक चैन पाने की अरज उस गहरी भक्ति को दर्शाती है, जैसे कोई अपने प्रिय के साथ हर पल जीना चाहता हो।
Provided to YouTube by Super Cassettes Industries Limited
Taabar Teraan Tu Gale Lagale · Singer : Lakhbir Singh Lakkha
Shyam Bhakti Sangrah
यह भजन भी देखिये