भगता के सागे कीर्तन में खाटू भजन
भगता के सागे कीर्तन में खाटू वालो भजन
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयोकीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
खुद सांवरियो मस्त मगन हो मोरछड़ी ले नाचे
भगता के मनडे री बाता खाटूवालो बाचे
निजर उतारो श्याम धणी की चाँद दूज को लाग रयो
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
भात भात का इत्तर लगाकर श्याम धणी इतरावे
धीरे धीरे कदम उठाकर ताल से ताल मिलावे
स्वर्ग से सुन्दर बण्यो नज़ारो हिवड़े श्याम समाये रयो
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
सगळ्या मिलकर सेवा कर ल्यो जनम जनम सुधरेला
दुनिया वा ने जाने सगळी श्याम ने जो पुजेला
जीवन कर दो श्याम हवाले बाबो हेला मार रयो
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
श्याम का कीर्तन जो करवावे वो सांचो बड़भागी
दुनिया चाले लारे बी के श्याम प्रीत जो लागि
सोनी श्याम नाम को डंको चार कूट में बाज रयो
भगता के सागे कीर्तन में खाटूवालो नाच रयो
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ठुमक - ठुमक कर बड़ा चाव से, बाबो घुमर घाल रहयो
भात भात का इतर लगाकर, श्याम धनि इतरावे..२
धीरे धीरे कदम मिलाकर, ताल से ताल मिलावे..२
स्वर्ग से सुन्दर बण्यो नजारो..२, हिवडे श्याम समाए रहयो
मोर छड़ी हाथा में लेकर, श्याम धनि खुद चाले..२
भगता रा मनड़ारि बाता, खाटू वालो बाचे..२
नजर उतारो श्याम प्रभु की..२, चाँद दूज को लाग रहयो
सगला मिलकर सेवा करलो, जनम जनम सुधरेला..२
दुनिया थाने जाने सगली, श्याम न जो पूजेला..२
जीवन करदो श्याम हवाले..२, बाबो हेलो मार रहयो
श्याम को कीर्तन जो करवावे, वो साचो बड़ भागी..२
दुनिया चाले लारा बिके, श्याम प्रीत जो लगी..२
दिपु म्हारा श्याम को डंको..२, चार कूट में बाज रहयो
सुंदर भजन में खाटू वाले श्रीकृष्णजी की भक्ति और कीर्तन की मस्ती का रसभरा चित्रण है। यह ऐसा है, जैसे भक्तों की टोली खाटू के मेले में श्याम के रंग में डूबकर झूम रही हो। भगता के सागे कीर्तन में श्याम का ठुमक-ठुमक कर नाचना और मोरछड़ी लेकर घूमर घालना उस अलौकिक मस्ती को दर्शाता है, जैसे कोई अपने प्रिय की हर अदा पर मुग्ध हो जाए।
भात-भात के इत्र लगाकर इतराना और ताल से ताल मिलाकर कदम उठाना श्रीकृष्णजी के रसिक स्वभाव को जीवंत करता है। स्वर्ग से सुंदर नजारा और हृदय में श्याम का समाना उस भक्ति की गहराई को दिखाता है, जैसे कोई अपने प्रिय को हर पल अपने मन में बसाए रखता हो। चाँद दूज को नजर उतारने का जिक्र उस श्रद्धा को प्रकट करता है, जो भक्त श्याम के प्रति रखता है।
सभी भक्तों का मिलकर सेवा करना और जनम-जनम का सुधरना उस विश्वास को दर्शाता है, जो श्रीकृष्णजी की भक्ति से जीवन को सार्थक बनाता है। यह भाव है, जैसे कोई अपने गुरु की सेवा में सब कुछ समर्पित कर दे। दुनिया का श्याम को न जानना और भक्त का जीवन श्याम के हवाले करना उस पूर्ण समर्पण को दिखाता है, जैसे कोई अपने प्रिय के बिना अधूरा हो।
Song: Khatu Walo Naach Rayo
Singer: Karishma Chawla
Lyricist: Rakesh Soni
Music: Shyama Prasad Chatterjee
Director: Rahul Rana
Video: Vaishnavi Creations