तेरे पूजन को भगवान बना मन-मंदिर आलीशान लिरिक्स Tere Poojan Ko Bhagwan Lyrics

तेरे पूजन को भगवान बना मन-मंदिर आलीशान लिरिक्स Tere Poojan Ko Bhagwan Lyrics Krishna Bhajan

तेरे पूजन को भगवान
बना मन-मंदिर आलीशान
किसने जानी तेरी माया ....2,
किसने भेद तेरा है पाया
हारे ऋषि-मुनि कर ध्यान,
बना मन-मंदिर आलीशान ||
तेरे पूजन------------

तूने राजा रंक बनाए ....2,
तूने भिक्षुक राज बिठाए
तेरी लीला अपरंपार
बना मन-मंदिर आलीशान ||
तेरे पूजन--------------

तू ही जल में तू ही थल में ....2,
तू ही मन में तू ही बन में
तू हर दिल में मूरतमान बना
बना मन-मंदिर आलीशान ||
तेरे पूजन---------

तू हर गुल में तू बुलबुल में ....2,
तू हर डाल के हर पातल में
तेरा रूप अनूप जहान
बना मन-मंदिर आलीशान ||
तेरे पूजन--------------

झूठे जग की झूठी माया ....2,
मूरख क्यों इसमें भरमाया
कर कुछ जीवन का कल्याण
बना मन-मंदिर आलीशान ||
तेरे पूजन को भगवान
बना मन-मंदिर आलीशान

    श्री विष्णु जी : विष् धातु से व्युत्पन्न विष्णु पद का शाब्दिक अर्थ ‘व्यापक, गतिशील, क्रियाशील अथवा उद्यम-शील’ होता है। श्री विष्णु पार्थिव लोकों का निर्माण और परम विस्तृत अन्तरिक्ष आदि लोकों का प्रस्थापन करने वाले देव हैं। श्री विष्णु जी को इस श्रष्टि का निर्णायक और सर्वोच्च शक्ति माना जाता है जिसका वर्णन वेदों से प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार श्री विष्णु ही निर्णायक शक्ति हैं। धार्मिक ग्रंथों में त्रिमूर्ति का उल्लेख मिलता है जिनमे एक भगवान् स्वंय श्री विष्णु और दो श्री शिव और श्री ब्रह्मा जी हैं, इन्हे ही त्रिदेव कहा जाता है। वस्तुतः श्री विष्णु, श्री शिव और श्री ब्रह्मा जी एक ही हैं। 

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