वो भारत देश है मेरा देश
वो भारत देश है मेरा देश
यहाँ अमन हो प्यार हो,खुशियों का संसार हो,
यहाँ किरण में ले के आती है सूंदर सा सवेरा,
वो भारत देश है मेरा,वो भारत देश है मेरा,
कोयल की कुक यहाँ भवरो का शोर हो,
फूलो में रंग यहाँ भागो में मोर हो,
यहाँ सावन हो बहार हो,
ऋतुओं का शृंगार हो,
यहाँ डाल पे तोता मेना करते है वसेरा,
वो भारत देश है मेरा,
हिन्दू देश की इंसान नेक है महान है,
मिल के यहाँ रहते हिन्दू मुसलमान है,
यहा सकूं हो करार हो हर दिन नेक त्यौहार हो,
अमित रंजन सोनी सिन्हा डाले वही है डेरा,
वो भारत देश है मेरा,
देशभक्ति गीत से अभिप्राय : देशभक्ति गीत किसी देश की अस्मिता होते हैं जिन के माध्यम से राष्ट्र को सर्वोपरि स्थान दिया जाता है। इन गीतों की प्रमुखता होती है की इनमे राष्ट्र रस और देशभक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए रचा जाता है। राष्ट्रिय पर्व, राजनैतिक कारकर्मों, अन्यदेशों में देश का प्रतिनिधित्व जैसे ओलम्पिक गेम्स और अन्य खेल प्रतियोगिताओ में इसे बजाया जाता है ये राष्ट्र गान के बाद बजाया जाता है। कवी प्रदीप, सुमित्रानंदन पंत, गिरिजाकुमार माथुर के देशभक्ति गीत काफी प्रचलित हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही देशभक्ति गीत और कविताओं ने लोगों में जोश भरा है।
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कोयल की कूक, भँवरों का शोर, फूलों का रंग और मोरों की मौजूदगी भारत की प्राकृतिक सुंदरता को चित्रित करती है। यह उद्गार मन को उस अनुभूति से जोड़ता है, जैसे कोई यात्री सावन की बहार और ऋतुओं के शृंगार में खो जाता है। यहाँ की हर किरण एक नया सवेरा लाती है, जो जीवन को आशा और उल्लास से भर देती है।
हिन्दू, मुस्लिम और अन्य समुदायों का मिल-जुलकर रहना भारत की सांस्कृतिक एकता और मानवता की महानता को दर्शाता है। यह भाव उस सत्य को उजागर करता है कि यहाँ हर दिन एक नया त्योहार है, जो सुकून और करार का संदेश देता है। जैसे कोई विद्यार्थी अपने गुरु से विभिन्न जीवन मूल्यों को सीखता है, वैसे ही भारत की मिट्टी हर व्यक्ति को प्रेम और एकता का पाठ पढ़ाती है।
- रुणिचा रा पीर रामसा घोड़लियो घुमावे Runicha Ra Peer Ramsa
- नमो नमो श्री बाबोसा Namo Namo Shri Babosa
- कृपा बरसा दईयो मोरी नरबदा माई Kripa Barasa Daiyo Mori
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