भरी सभा में नाचण लाग्या,
महिमा सिन्दूर की समझावण लाग्या,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
मैया जो मस्तक पे लगाए,
उसे लगा के आया,
लाल सिन्दूर तुझे प्यारा है,
मैया ने समझया,
मैया तो थोड़ा थोड़ा लगाए,
चुटकी में लेकर मस्तक चढ़ाये,
मैंने किया है अस्नान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
मसल मसल के मेरे प्रभु जी,
सारे कंठ लगया,
तेरा प्यारा बन जाऊंगा,
मेरे मन में आया,
मुझको ये पहले,
क्यों न बताया,
तूने प्रभु जी क्यों ना समझया
मैया का मानूंगा अहसान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
हनुमान की भोलेपन पे,
गद गद हो गए राम,
इस दुनिया में तेरे जैसा,
भक्त नही हनुमान,
सीता से ज्यादा प्यार करूँगा,
हरदम तुम्हारे संग रहूँगा,
देता हूँ तुझको जुबान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
जो तुझ पर सिंदूर चढ़ाए,
उस पर कृपा करूँगा,
‘बनवारी’ तेरे भक्तो का,
सारा काम करूँगा,
बांह पकड़ कर गले लगाया,
आखो मैं आंसू दिल भर आया,
मिले भक्त भगवान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
भरी सभा में नाचण लाग्या,
महिमा सिन्दूर की समझावण लाग्या,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
महिमा सिन्दूर की समझावण लाग्या,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
मैया जो मस्तक पे लगाए,
उसे लगा के आया,
लाल सिन्दूर तुझे प्यारा है,
मैया ने समझया,
मैया तो थोड़ा थोड़ा लगाए,
चुटकी में लेकर मस्तक चढ़ाये,
मैंने किया है अस्नान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
मसल मसल के मेरे प्रभु जी,
सारे कंठ लगया,
तेरा प्यारा बन जाऊंगा,
मेरे मन में आया,
मुझको ये पहले,
क्यों न बताया,
तूने प्रभु जी क्यों ना समझया
मैया का मानूंगा अहसान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
हनुमान की भोलेपन पे,
गद गद हो गए राम,
इस दुनिया में तेरे जैसा,
भक्त नही हनुमान,
सीता से ज्यादा प्यार करूँगा,
हरदम तुम्हारे संग रहूँगा,
देता हूँ तुझको जुबान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
जो तुझ पर सिंदूर चढ़ाए,
उस पर कृपा करूँगा,
‘बनवारी’ तेरे भक्तो का,
सारा काम करूँगा,
बांह पकड़ कर गले लगाया,
आखो मैं आंसू दिल भर आया,
मिले भक्त भगवान,
बजंरगी लाल लाल हो गया,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
भरी सभा में नाचण लाग्या,
महिमा सिन्दूर की समझावण लाग्या,
गले लगा लो मेरे राम,
बजंरगी लाल लाल हो गया।
हनुमान जी श्रद्धा, भक्ति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान राम के परम भक्त, संकटमोचन और अनंत ऊर्जा के स्त्रोत हैं। उनका नाम लेते ही जीवन में सकारात्मकता और उत्साह का संचार होता है। हनुमान जी को 'अंजनीपुत्र', 'पवनसुत', और 'रामदूत' के नाम से भी जाना जाता है। उनके भक्तों का विश्वास है कि उनकी उपासना से हर तरह के विकार, भय और बाधाएं दूर होती हैं।
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Author - Saroj Jangir
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