ओ मावड़ी थारे रूप की शोभा न्यारी भजन
ओ मावड़ी थारे रूप की शोभा न्यारी भजन
मुखड़ा:
ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैणां री ज्योत निराली,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 1:
ओ मावड़ी थारी,
सत की महिमा न्यारी,
सतियां में महासती राणी,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 2:
ओ मावड़ी थारा,
जग में डंका बाजे,
सारी सृष्टि में थारो उजियारो,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 3:
ओ मावड़ी थारी,
राह में फूल बिछावा,
पलकों पे थाने बिठावा,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 4:
‘रेणु बबीता’ थारा ही गुण गावा,
थारी सेवा में जनम बितावा,
म्हारी मावड़ी।।
अंतिम मुखड़ा:
ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैणां री ज्योत निराली,
म्हारी मावड़ी।।
ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैणां री ज्योत निराली,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 1:
ओ मावड़ी थारी,
सत की महिमा न्यारी,
सतियां में महासती राणी,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 2:
ओ मावड़ी थारा,
जग में डंका बाजे,
सारी सृष्टि में थारो उजियारो,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 3:
ओ मावड़ी थारी,
राह में फूल बिछावा,
पलकों पे थाने बिठावा,
म्हारी मावड़ी।।
अंतरा 4:
‘रेणु बबीता’ थारा ही गुण गावा,
थारी सेवा में जनम बितावा,
म्हारी मावड़ी।।
अंतिम मुखड़ा:
ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैणां री ज्योत निराली,
म्हारी मावड़ी।।
औ मावड़ी थारो रूप की शोभा भारी || Rani Sati Dadi bhajan || Babita Vishwas