श्याम मोरी निंदिया हर ली लिरिक्स Shyam Mori Nindiya Harli Lyrics

श्याम मोरी निंदिया हर ली लिरिक्स Shyam Mori Nindiya Harli Lyrics, Krishna Bhajan

सखी दो मीठे बोल सुनाय
श्याम मोरी निंदिया हर ली,
निन्दियाँ हर ली निन्दियाँ हर ली री,
सखी दो मीठे बोल सुनाय।

श्याम मल गात मुकट माथे पे कंधे लट घुंघराले,
यमुना तट पे खूब हो पावे मो पे डोरा डाले,
नैना वार चलाये श्याम मेरी सुध बुध हर ली,
सखी दो मीठे बोल सुनाय।

मदमस्त नैना सु कर कर सैन हियो ललचावे,
बांध प्रेम की डोरी संग में मेरो मन ले जावे,
तड़पुं जल बिन मीन दशा मेरी कैसे कर दी री,
सखी दो मीठे बोल सुनाय।

घडी इक पल चैन पड़े न ऐसी हुई दीवानी,
नन्द कुंवर की इक झलक पे तन मन आज बिकानी,
अगन प्रेम की सत्यवीर नस नस में भर दी री,
सखी दो मीठे बोल सुनाय।
श्री कृष्णा को श्याम इसलिए कहते हैं क्योंकि उनकी त्वचा का रंग सांवला था। संस्कृत में, "श्याम" का अर्थ "सांवला" होता है। श्री कृष्णा का जन्म मथुरा में हुआ था, जो एक गर्म और शुष्क जलवायु वाला क्षेत्र है। इस जलवायु के कारण, लोगों की त्वचा का रंग अक्सर सांवला होता है।

श्री कृष्णा को उनके सांवले रंग के लिए अक्सर "श्याम सुंदर" भी कहा जाता है। इसका अर्थ है "सांवला सुंदर"। श्री कृष्णा को उनके सुंदर रूप और आकर्षण के लिए भी जाना जाता है।

श्री कृष्णा को श्याम कहने के पीछे एक अन्य कारण यह भी है कि उनका जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। कृष्ण पक्ष का अर्थ है "काला पक्ष"। श्री कृष्णा का जन्म रात में हुआ था, जब आसमान का रंग काला होता है।
श्री कृष्णा को श्याम इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनकी त्वचा का रंग सांवला था। यह उनका एक विशिष्ट लक्षण है जो उन्हें अन्य देवताओं से अलग करता है।
 
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