कोई ऐ माँ तेरे दरबार से खाली न गया
कोई ऐ माँ तेरे दरबार से खाली न गया
कोई ऐ माँ तेरे दरबार से खाली न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
जिसने जो कुछ भी माँगा, तो मुरादें पाई,
जिसने "माँ" कह के पुकारा, तू सामने आई।
होके मायूस, तेरे दर से सवाल़ी न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
ये वो दरबार है, जिस दर से दया मिलती है,
ये वो दरबार है, जिस दर से शिफ़ा मिलती है।
कैसे कह दूँ कि मैं दरबार से पाई न दया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
मैं भी आया हूँ तेरे दर पे सवाल़ी होकर,
एक उजड़े हुए गुलशन का वो माली होकर।
एक भी फूल तेरे दर पे चढ़ाया न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
अब न छोड़ूँगा कभी, देख ले तेरा आँचल,
ले ले गोदी में अपने लाल को फैला आँचल।
तेरे आँचल से फिसलकर कोई खाली न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
कोई ऐ माँ, तेरे दरबार से खाली न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
जिसने जो कुछ भी माँगा, तो मुरादें पाई,
जिसने "माँ" कह के पुकारा, तू सामने आई।
होके मायूस, तेरे दर से सवाल़ी न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
ये वो दरबार है, जिस दर से दया मिलती है,
ये वो दरबार है, जिस दर से शिफ़ा मिलती है।
कैसे कह दूँ कि मैं दरबार से पाई न दया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
मैं भी आया हूँ तेरे दर पे सवाल़ी होकर,
एक उजड़े हुए गुलशन का वो माली होकर।
एक भी फूल तेरे दर पे चढ़ाया न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
अब न छोड़ूँगा कभी, देख ले तेरा आँचल,
ले ले गोदी में अपने लाल को फैला आँचल।
तेरे आँचल से फिसलकर कोई खाली न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
कोई ऐ माँ, तेरे दरबार से खाली न गया,
न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
- सखी मेरी नींद नसानी हो Sakhi Meri Nind Nasani Ho
- जो हारा सांवरे जग से तू हारे का सहारा है Jo Haara Sanware
माँ दुर्गा के रूप : शास्त्रों में माँ दुर्गा के ९ रूप माने गए हैं। माता दुर्गा जो जगत जननी है, उनके रूप निम्न है। नवरात्रों में माँ के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है और नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है।
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चन्द्रघंटा
- कूष्माण्डा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यंति न संशय॥
माँ दुर्गा का कल्याणकारी मंत्र है जो समस्त बाधाओं का अंत करता है और जीनव में कल्याण लाता है।
सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
यदि कोई जातक आर्थिक रूप से संकटों से घिरा है, विपन्नता उसका पीछा नहीं छोड़ रही है, व्यापार में लगातार घाटा प्राप्त हो रहा है तो माता रानी के निम्न मंत्र के जाप से लाभ प्राप्त होता है।
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥
यदि आप आकर्षण चाहते हैं तो माता रानी की निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,समस्त संकटों और विपत्तियों के नाश के लिए माता रानी के इस मंत्र से मिलेगी माता रानी की विशेष कृपा और होगा समस्त विपत्तियों का नाश।
बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छति
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
शक्ति प्राप्त करने के लिए माता रानी के निम्न मंत्र का जाप करें।
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।रक्षा पाने के लिएमाता रानी के निचे दिए गए मंत्र का जाप करे।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।जीवन में आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति माता रानी के दिए गए मंत्र का जाप करें।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।भय नाश के लिए माता रानी की इस मंत्र का जाप करे सभी आसुरी शक्तियों का नाश होगा।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।महामारी नाश के लिए माता रानी के इस मंत्र का जाप करे।
भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।पाप नाश के लिए इस मंत्र का जाप करें।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव॥