हमने जग की अजब तस्वीर देखी लिरिक्स Hamane Jag Ki Ajab Tasveer Lyrics

हमने जग की अजब तस्वीर देखी लिरिक्स Hamane Jagat Ki Ajab Tashvir Lyrics, Hamane Jagat Ki Ajab Tashvir Dekhi Ek Hansata Hai

हमने जग की अजब तस्वीर देखी लिरिक्स Hamane Jag Ki Ajab Tasveer Lyrics
 
एक हँसता है दस रोते हैं
ये प्रभु की अद्भुत जागीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं

हमे हँसते मुखड़े चार मिले
दुखियारे चेहरे हज़ार मिले
यहाँ सुख से सौ, गुनी पीड़ देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं

दो एक सुखी यहाँ लाखों में
आंसू है करोड़ों आँखों में
हमने गिन गिन हर तकदीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं

कुछ बोल प्रभु ये क्या माया
तेरा खेल समझ में ना आया
हमने देखे महल रे कुटीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं
हमने जग की अजब तस्वीर देखी
एक हँसता है दस रोते हैं


Humne Jag Ki Ajab Tasveer Dekhi Video Song | Kavi Pradeep | Shankar Seeta Ansuya | Hindi Gaane

 "हमने जग की अजब तस्वीर देखी" एक हिंदी फिल्म गीत है जिसे कवि प्रदीप ने लिखा था और जिसे 1965 की फिल्म शंकर सीता अनसूया के लिए संगीतकार पंडित शिवराम ने संगीत दिया था। इसे कवि प्रदीप ने गाया था। यह गीत एक व्यक्ति के बारे में है जो दुनिया में असमानता और दुख को देखकर हैरान है। वह कहता है कि वहने देखा है कि कैसे कुछ लोग खुश और समृद्ध हैं, जबकि कई लोग दुखी और गरीब हैं। वह भगवान से इस असमानता के बारे में सवाल करता है।

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