हम तुम्हारे थे प्रभु जी लिरिक्स Hum Tumhare The Prabhuji Lyrics

हम तुम्हारे थे प्रभु जी लिरिक्स Hum Tumhare The Prabhuji Lyrics, Krishna Bhajan

तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम॥
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम॥
तुम्हें छोड़ सुन नन्द दुलारे
कोई न मीत हमारो ॥
किस्के दुआरे जाएँ पुकारूँ
और न कोई सहारो ॥
अब तो आके बाहाँ पकड़ लो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
तेरे कारण सब जग छोड़ा,
तुम संग नाता जोड़ा… प्यारे ॥
एक बार प्रभु बस ये कहदो,
तू मेरा में तेरा … प्यारे ॥
साँची प्रीत कि रीत निबादो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
दास कि बिनती सुनलीजो,
ओ व्रिज राज दुलारे॥
आखरी आस यही जीवन कि,
पूरण करना प्यारे॥
एक बार हृदय से लगालो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
 
 

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तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
यह भजन भगवान कृष्ण की भक्ति में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय भजन है। भजन में, भक्त कृष्ण को अपने प्रियतम और एकमात्र आशा के रूप में संबोधित करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने कृष्ण के लिए सब कुछ छोड़ दिया है, और अब उनके पास कोई और नहीं है। वे कृष्ण से अपने साथ रहने और उन्हें प्यार करने की विनती करते हैं।
अर्थ:
भजन के पहले दो श्लोकों में, भक्त कृष्ण को याद करते हैं कि वह उनके थे, हैं और हमेशा रहेंगे। वे कहते हैं कि वे कृष्ण के प्रेमी हैं, और वे कृष्ण के बिना नहीं रह सकते।
तीसरे और चौथे श्लोकों में, भक्त कृष्ण को बताते हैं कि उन्होंने उनके लिए सब कुछ छोड़ दिया है। वे कहते हैं कि वे कृष्ण के बिना अकेले हैं, और उन्हें कोई और नहीं है।
पांचवें और छठे श्लोकों में, भक्त कृष्ण से अपने साथ रहने और उन्हें प्यार करने की विनती करते हैं। वे कहते हैं कि वे कृष्ण के बिना नहीं रह सकते, और वे कृष्ण के साथ हमेशा के लिए रहना चाहते हैं।
आध्यात्मिक अर्थ:
यह भजन भक्ति के शक्तिशाली भाव को व्यक्त करता है। भक्त कृष्ण को अपना सब कुछ देते हैं, और वे कृष्ण के बिना नहीं रह सकते। यह भजन हमें सिखाता है कि ईश्वर के प्रति हमारी भक्ति हमें अकेलेपन और निराशा से बचा सकती है।
भजन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
भक्त कृष्ण को अपना सब कुछ देते हैं।
भक्त कृष्ण के बिना नहीं रह सकते।
भक्त कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति में दृढ़ हैं।
भजन का उपयोग:
यह भजन अक्सर मंदिरों और घरों में गाया जाता है। यह भजन भक्ति के उत्सव और कृष्ण के प्रति प्रेम का एक शक्तिशाली प्रदर्शन है।
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