हम तुम्हारे थे प्रभु जी

हम तुम्हारे थे प्रभु जी

तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम॥
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम॥
तुम्हें छोड़ सुन नन्द दुलारे
कोई न मीत हमारो ॥
किस्के दुआरे जाएँ पुकारूँ
और न कोई सहारो ॥
अब तो आके बाहाँ पकड़ लो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
तेरे कारण सब जग छोड़ा,
तुम संग नाता जोड़ा… प्यारे ॥
एक बार प्रभु बस ये कहदो,
तू मेरा में तेरा … प्यारे ॥
साँची प्रीत कि रीत निबादो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
दास कि बिनती सुनलीजो,
ओ व्रिज राज दुलारे॥
आखरी आस यही जीवन कि,
पूरण करना प्यारे॥
एक बार हृदय से लगालो, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे थे प्रभुजी, तुम हमारे हो
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
हम तुम्हारे थे प्रभुजी, हम तुम्हारे हें
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम
तुम हमारे ही रहोगे, हो मेरे प्रीतम
 
 
यह भजन भगवान कृष्ण की भक्ति में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय भजन है। भजन में, भक्त कृष्ण को अपने प्रियतम और एकमात्र आशा के रूप में संबोधित करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने कृष्ण के लिए सब कुछ छोड़ दिया है, और अब उनके पास कोई और नहीं है। वे कृष्ण से अपने साथ रहने और उन्हें प्यार करने की विनती करते हैं।
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