कभी सांवरे तू मेरे घर में आ जाना भजन

कभी सांवरे तू मेरे घर में आ जाना भजन

कभी सांवरे तू मेरे घर में आ जाना,
तू नहीं मगर फिर भी तू पास है,
बात हो कोई भी तेरी ही बात है,
तू ही मेरे अन्दर है तू ही मेरे बाहर है,
जबसे तुझको जाना है मैंने अपना माना है,
मगर यहाँ से आके ना यहाँ से जाना तू।

रात दिन भी मेरी दिल कछी तुमसे है,
ज़िन्दगी की कसम ज़िन्दगी तुमसे है,
तू ही मेरे आंखे है सुने तनहा राहों में,
चाहे जितनी दूरी हो तुमहो मेरी यादों में,
मगर यहाँ से के ना यहाँ से जाना तू
कभी सांवरे तू मेरे घर में आ जाना।

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