मात जगदम्बे तेरे बिन कोई ना हमारा है
मात जगदम्बे तेरे बिन कोई ना हमारा है
(मुखड़ा)
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे।।
(अंतरा)
थोड़ी सी मिल जाए कृपा हमें तेरी,
तो रंग जीवन के खिल जाएं,
मुझको धरती पर ही जन्नत की सारी,
खुशियाँ, मात, मिल जाएं,
मेरे मन-मंदिर में तेरे नाम का उजियारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
कहते हैं, बिन माँगे देती है तू सबकुछ,
तो कोई तुझसे क्या माँगे,
तेरे दर्शन की बस एक अभिलाषा,
और झूठा सब तेरे आगे,
नाम एक सांचा, बाकी झूठा जग सारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
ये चंद सोने के सिक्के, मेरी अंबे,
झूठी सारी माया है,
जन्म लेकर के और मिट जाती,
भला ये कैसी छाया है,
राजेंद्र ने जाना, सांचा तेरा दीदारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे।।
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे।।
(अंतरा)
थोड़ी सी मिल जाए कृपा हमें तेरी,
तो रंग जीवन के खिल जाएं,
मुझको धरती पर ही जन्नत की सारी,
खुशियाँ, मात, मिल जाएं,
मेरे मन-मंदिर में तेरे नाम का उजियारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
कहते हैं, बिन माँगे देती है तू सबकुछ,
तो कोई तुझसे क्या माँगे,
तेरे दर्शन की बस एक अभिलाषा,
और झूठा सब तेरे आगे,
नाम एक सांचा, बाकी झूठा जग सारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
ये चंद सोने के सिक्के, मेरी अंबे,
झूठी सारी माया है,
जन्म लेकर के और मिट जाती,
भला ये कैसी छाया है,
राजेंद्र ने जाना, सांचा तेरा दीदारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जगदंबे।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मात जगदंबे, तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदंबे।।
मात जगदम्बे तेरे बिन कोई न हमारा है by rajendra prasad soni,devi bhajan,devi mahima ,devi aradhna,
स्वर-राजेंद्र प्रसाद सोनी
गीतकार -राजेन्द्र प्रसाद सोनी
संगीतकार-राजेन्द्र प्रसाद सोनी
मात जगदम्बा तेरे बिन कोई न हमारा है
तू है तो एक सहारा है