मेरी आस तू है माँ विश्वास तू है माँ भजन
मेरी आस तू है माँ विश्वास तू है माँ भजन
(मुखड़ा)
मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 1)
ग़म के थपेड़े ये,
कैसे सहें मैया,
एक बार आके माँ,
तू थाम ले बइयाँ,
वरना मैं समझूंगा नाराज़ तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 2)
कितनी करूँ कोशिश,
कोई काम नहीं बनता,
दिल पे लगे ज़ख्मो का,
माँ दर्द नहीं थमता,
कर दे करम मुझपे मोहताज हूँ मैं माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 3)
किस्मत मेरी मैया,
क्यों मुझसे रूठ गई,
इसके संवरने की,
उम्मीद भी टूट गई,
कल तक अकेला था पर आज तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 4)
नैया भंवर में है,
तुझको पुकारा माँ,
सूझे नहीं रस्ता,
तुझको निहारा माँ,
‘हरी’ हार नहीं सकता गर साथ तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(पुनरावृत्ति - मुखड़ा)
मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 1)
ग़म के थपेड़े ये,
कैसे सहें मैया,
एक बार आके माँ,
तू थाम ले बइयाँ,
वरना मैं समझूंगा नाराज़ तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 2)
कितनी करूँ कोशिश,
कोई काम नहीं बनता,
दिल पे लगे ज़ख्मो का,
माँ दर्द नहीं थमता,
कर दे करम मुझपे मोहताज हूँ मैं माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 3)
किस्मत मेरी मैया,
क्यों मुझसे रूठ गई,
इसके संवरने की,
उम्मीद भी टूट गई,
कल तक अकेला था पर आज तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(अंतरा 4)
नैया भंवर में है,
तुझको पुकारा माँ,
सूझे नहीं रस्ता,
तुझको निहारा माँ,
‘हरी’ हार नहीं सकता गर साथ तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
(पुनरावृत्ति - मुखड़ा)
मेरी आस तू है माँ,
विश्वास तू है माँ,
मेरी हर ख़ुशी का अब,
आगाज़ तू है माँ,
दे दे माँ आँचल की छइयां मुझे,
ले ले माँ बाहों में अपनी मुझे।।
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