गीत "पंखीड़ा रे उडी जाजो पावागढ़ रे" एक पारंपरिक गुजराती गीत है जो महाकाली के पवित्र धाम पावागढ़ जाने के लिए एक पक्षी को कहता है और उन्हें गरबा खेलने के लिए कहता है। गीत नवरात्रि के दौरान गाया जाता है, जो हिंदू देवी दुर्गा के सम्मान में नौ दिवसीय उत्सव है। गरबा नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला एक पारंपरिक गुजराती नृत्य है।
हे पंखिडा रे उडी जाजो पावागढ़ महाकाली ने जै
हे पंखिडा रे उडी जाजो पावागढ़ रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे, हे पंखिडा हो, पंखिडा, पंखिडा हो, पंखिडा।
हे ओला गम न सुथारी वीरा वहला आवो रे, हे मारी महाकाली ने काजे रुड़ा बाजट लावो रे सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे,
हे ओला गम न दोशिडा वीरा वहला आवो रे, हे मारी महाकाली ने काजे रुड़ी चुंदरी लावो रे, सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे,
हे ओला गम न मणीहारा वीरा वहला आवो रे, हे मारी महाकाली ने काजे रुडो चुडलो लावो रे सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे,
हे ओला गम न सोनिडा वीरा वहला आवो रे,
हे मारी महाकाली ने काजे रूडा झांझर लावो रे सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे र हे ओला गम न कुम्भारी वीरा वहला आवो र हे मारी महाकाली ने काजे रुडो गरबो लावो रे सारो लावो सुंदर लावो वहला आवो रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे र,
हे पंखिडा रे उडी जाजो पावागढ़ रे महाकाली ने जै ने कह्जो गरबे रमे रे, हे पंखिडा हो, पंखिडा, पंखिडा हो, पंखिडा।
पावागढ़- पावागढ़ गुजरात के डांग जिले में स्थित एक पहाड़ी दुर्ग है। यहाँ महाकाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो माँ के शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि महाकाली के दक्षिण पैर का अङुठा इस स्थान पर गिरा था।
जै ने - जाकर "जै ने" का अर्थ है "जाकर"। वहला - जल्दी "वहला" का अर्थ है "जल्दी"। गम - गाँव "गम" का अर्थ है "गाँव"।
Gujrati Bhajan Lyrics in Hindi
वीरा - वीर (भाई लोग) "वीरा" का अर्थ है "वीर" या "भाई लोग"। सुथारी - सूत (cotton) maker "सुथारी" का अर्थ है "सूत बनाने वाला"। बाजट - foot stool "बाजट" का अर्थ है "फुट स्टूल"। दोशिडा: someone selling pooja samagri including चुंदरी "दोशिडा" का अर्थ है "पूजा सामग्री बेचने वाला, जिसमें चुंदरी भी शामिल है"। मणीहारा - one selling मणी etc (चूड़ीवाला) "मणीहारा" का अर्थ है "मणि बेचने वाला, या चूड़ी वाला"। सोनिडा - सोनार "सोनिडा" का अर्थ है "सोनार" या "सोने का आभूषण बनाने वाला"। गरबो: decorated pot used during Navaratri Garba festiva "गरबो" का अर्थ है "गरबा नृत्य के दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला सजावटी बर्तन"।
पावागढ़ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो गुजरात के डांग जिले में स्थित है। यहाँ महाकाली का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो माँ के शक्तिपीठों में से एक है। यह माना जाता है कि महाकाली के दक्षिण पैर का अङुठा इस स्थान पर गिरा था।
नवरात्रि के दौरान, पावागढ़ एक भव्य त्योहार का स्थल बन जाता है। इस दौरान, मंदिर के आसपास के क्षेत्र में गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता है। गरबा एक पारंपरिक गुजराती नृत्य है जो देवी दुर्गा की स्तुति में किया जाता है।
इस त्योहार के दौरान, श्रद्धालु पूरे भारत से पावागढ़ आते हैं। वे मंदिर में माँ के दर्शन करते हैं और गरबा नृत्य का आनंद लेते हैं।
माता रानी के शक्तिपीठों में से एक है पावागढ़ शक्तिपीठ। पावागढ़ शक्तिपीठ गुजरात राज्य में बड़ोदरा से ४६ किलोमीटर दूर पावागढ़ में स्थापित है। शक्तिपीठ उन्हें कहा जाता है जहाँ पर सती माता के अंग गिरे थे। ऐसा माना जाता है की यहाँ पर सतीमाता जी का वक्षस्थल गिरा था। यह शक्तिपीठ पहाड़ी पर ५५० फीट की उचाई पर स्थापित है, इसके लिए माची महल से रोपवे की सुविधा है और २५० सीढ़ियों के सहारे ऊपर चढ़ा जाता है। यूनेस्को के द्वारा २००४ में चम्पानेर पावागढ़ पुरातन पार्क को विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया है। पावागढ़ से आशय है ऐसी जगह जहाँ पर पवन का वाश हो, जहा हरदम पवन चलती रहे। पावागढ़ को गुजरात का हवा महल भी कहा जाता है। पावागढ़ शक्तिपीठ में काली माता के मंदिर को "महाकाली" कहा जाता है।
इस मंदिर में लोगो की गहरी आस्था है और खासकर नवरात्रों के दिनों में यहाँ भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है। पौराणिक ग्रंथों और शिव पुराण में पावागढ़ का उल्लेख मिलता है। यह मंदिर तंत्र पूजा के लिए भी प्रसिद्द है, मंदिर में दक्षिण मुखी प्रतिमा है जहाँ लोग तंत्र साधना के लिए आते हैं। लोगों की मान्यता है की यहाँ पर ऋषि विश्वामित्र आये थे और तपस्या की थी और मा से आशीर्वाद प्राप्त किया था। एक ओर जहां महाकाली मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है तो वहीं इस मंदिर की छत पर मुस्लिमों का पवित्र स्थल है जहां अदानशाह पीर की दरगाह है। मुस्लिम श्रद्धालु भी यहाँ दर्शन करने के लिए आते हैं। माघ महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को विशाल मेला लगता है जिसने लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
पर्यटन की दृष्टि से भी पावागढ़ का महत्त्व है। पहाड़ियों पर चढ़ना, झील का सौंदर्य और आस पास के शांत माहौल से पर्यटक सैर सपाटे के लिए यहाँ आते हैं। गुजरात सरकार के द्वारा पावागढ़ को इसके साफ़ सुथरे इलाके और पहाड़ों में झील और शांत वातावरण के कारन इसे हिल स्टेशन की दृष्टि से विकसित किया गया है। पावागढ़ में चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क, पावागढ़ हिल, कालिका माता मंदिर, पावागढ़ मंदिर, माची हवेली और सदनशाह पीर दरगाह यहाँ के प्रमुख दार्शनिक स्थल हैं जहाँ हर वक़्त लोगों की भीड़ लगी रहती है।
पावागढ़ शक्तिपीठ तक पहुँचने के लिए लगभग सभी साधन उपलब्ध हैं- वायुमार्ग - वायुमार्ग से पावागढ़ के लिए सबसे नजदीक हवाईअड्डा अहमदाबाद है, जिसकी यहाँ से दूरी लगभग 190 किलोमीटर और वड़ोदरा से 50 किलोमीटर है। अहमदाबाद से पावागढ़ के लिए सड़क मार्ग से कई साधन उपलब्ध हैं। रेलमार्ग - रेलमार्ग से पावागढ़ आने के लिए बड़ोदरा नजदीकी स्टेशन है जो दिल्ली कर अहमदाबाद रेल लाइन से कनेक्टेड है। वड़ोदरा से पावागढ़ के लिए सड़क मार्ग से कई साधन उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग - नजदीकी शहरों और प्रमुख रेल मार्गों के लिए यहाँ से कई बसों के सुविधा है जिनमे गुजरात राज्य बस सेवा और निजी ट्रेवल की कई बसें हैं।