मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे भजन
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
यही सपना है हमारा बाबा,
हर शहर में हो मंदिर तुम्हारा,
करता भक्तों से प्यार देता दुष्टों को मार,
मैं तेरे दर पे सिर को झुकाता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
तेरी मूरत ये पाषाण की है,
असली सूरत ये भगवान की है,
सिर पे छत्र विशाल गल वैजयंती माल,
मैं तुम्हे देख कर मुस्कुराता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
किया दुनिया ने मुझसे किनारा,
आके बन जाओ बाबा सहारा,
मेरी जो लाज है वो तेरे हाथ है,
सारी दुनिया ये तेरी दीवानी रहे,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
यही सपना है हमारा बाबा,
हर शहर में हो मंदिर तुम्हारा,
करता भक्तों से प्यार देता दुष्टों को मार,
मैं तेरे दर पे सिर को झुकाता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
तेरी मूरत ये पाषाण की है,
असली सूरत ये भगवान की है,
सिर पे छत्र विशाल गल वैजयंती माल,
मैं तुम्हे देख कर मुस्कुराता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
किया दुनिया ने मुझसे किनारा,
आके बन जाओ बाबा सहारा,
मेरी जो लाज है वो तेरे हाथ है,
सारी दुनिया ये तेरी दीवानी रहे,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ,
यही गाता रहूँ, बाबा खाटू वाले,
मेरे सीने में जब तक ये प्राण रहे,
खाटू वाले तेरे द्वार आता रहूँ।
तेरे द्वारे मैं आता रहूँ ओ खाटू वाले | खाटू श्याम भजन | by Deepak Garg | Tere Dware Main Aata Rahun
यह भजन खाटू श्याम बाबा के भक्तों द्वारा गाया जाता है। यह भजन बाबा खाटू वाले के प्रति भक्त की श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। भक्त कहता है कि वह बाबा खाटू वाले के दरबार में तब तक आता रहेगा जब तक उसके प्राण रहेंगे। वह बाबा से अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रार्थना करता है कि हर शहर में उनका मंदिर हो। वह बाबा की मूर्ति को पाषाण की मूर्ति नहीं बल्कि भगवान की वास्तविक सूरत मानता है। वह बाबा को देखकर मुस्कुराता है और उनसे अपने जीवन में आशीर्वाद मांगता है। वह बाबा से दुनिया में अपनी दीवानगी फैलाने के लिए प्रार्थना करता है।
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