फागुण में खाटू आऊं मैं श्याम रंग भजन
फागुण में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊं,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
मन मेरा हर्षाया मैं भी,
खाटू नगरी आउंगी,
चंग बजाकर नाचू गाऊं,
श्याम को रंग लगाऊँगी।
श्याम दरस को हर पल मेरी,
आँखें तरसी जाएँ,
तन्हाई बेचैनी मुझको,
क्यूँ इतना तड़पाए,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
गगन चूमती रंग बिरंगी,
श्याम ध्वजा लहराए,
दूर दूर से श्याम दीवाने,
श्याम के दर पे आए,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
होली खेलूं श्याम के संग में,
रंग गुलाल लगाऊ,
सोनी मीठे भजन मैं गा कर,
श्याम प्रभु को सुनाऊ,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
फागुण में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊं,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
मैं श्याम रंग रंग जाऊं,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
मन मेरा हर्षाया मैं भी,
खाटू नगरी आउंगी,
चंग बजाकर नाचू गाऊं,
श्याम को रंग लगाऊँगी।
श्याम दरस को हर पल मेरी,
आँखें तरसी जाएँ,
तन्हाई बेचैनी मुझको,
क्यूँ इतना तड़पाए,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
गगन चूमती रंग बिरंगी,
श्याम ध्वजा लहराए,
दूर दूर से श्याम दीवाने,
श्याम के दर पे आए,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
होली खेलूं श्याम के संग में,
रंग गुलाल लगाऊ,
सोनी मीठे भजन मैं गा कर,
श्याम प्रभु को सुनाऊ,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
फागुण में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊं,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
तेरी जय जयकार लगाउं,
फागुन में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊँ।
फागुण में खाटू आऊं,
मैं श्याम रंग रंग जाऊं,
स्वर्ग जैसा नज़ारा,
श्याम लगता है प्यारा,
फागुण में खाटू आएंगे | Lyrical Khatu Shyam Bhajan | by Ritu Pandey | Full HD Video
बरसाने की होली भारत की सबसे प्रसिद्ध होली में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक छोटे से गांव में मनाई जाती है। बरसाने की होली को "लाठी-मार होली" के नाम से भी जाना जाता है। यह एक विशेष प्रकार की होली है जिसमें महिलाएं पुरुषों पर रंगों और गुलाल के साथ-साथ लाठी भी मारती हैं। बरसाने की होली का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि यह त्योहार भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी की याद में मनाया जाता है। कहा जाता है कि कृष्ण राधा के साथ बरसाने में होली खेलते थे और उन्हें रंगों से रंग देते थे।
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