जब तक यो जीवन है रहसी, झंझट और झमेलों, इक वर्ष में इक बार ही लागे ये मेलो, छोड़ के दुनियादारी हां छोड़ के दुनियादारी, थोड़ो टाइम निकालो जी, मेलो श्याम धणी को भारी, भक्तो खाटू चालो जी
मेलो श्याम धणी को भारी, छोड़ के दुनियादारी,
हाँ छोड़ के दुनियादारी।
फागण में मेलो लागे है, बाबा का खाटू में, तीन लोक का देवी देवता, आवे है देखन में, छोड़ के दुनियादारी हां छोड़ के दुनियादारी, थोड़ो टाइम निकालो जी, मेलो श्याम धणी को भारी भक्तो खाटू चालो जी,
मेलो श्याम धणी को भारी, छोड़ के दुनियादारी,
हाँ छोड़ के दुनियादारी।
संदेशो बाबा को सीधो खाटू धाम से आयो, किस्मत वाला मैं ही सोनू आवे है ये बुलावो, छोड़ के दुनियादारी हां छोड़ के दुनियादारी, थोड़ो टाइम निकालो जी, मेलो श्याम धणी को भारी, भक्तो खाटू चालो जी