श्यामा थारी मन में आवे कृष्णा भजन
श्यामा थारी मन में आवे कृष्णा भजन
श्याम थारी मन में आवेबाबा थारी याद सातवे,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह ज्या पावणा।
चांदी की कणकड़ी गढ़ा दू,
लड़ लटका दू न्यारी,
श्याम वर्ण पर धोळी धोळी,
लागे प्यारी प्यारी,
ज्यापे घूँघरां पुआ द्यूं,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह जा पावणा।
बाजूबंद भुजा में बांधू,
गला में कंठी माला,
कानां माहीं झाला मुरकी,
आजा खाटू वाला,
जा मैं मोरनी मंडवा दू,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह जा पावणा।
जामों तो केसरियो ल्यादूं,
गहरो धेर गुमरे,
ढूँगी वालो टोपालो,
जयामें बूंदा चारूं मेर,
जा में तम्बूरी तनवादयु,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह जा पावणा।
सोहन लाल तेरे द्वार पे,
ऊबो हेलो मारे,
ज्ञान ध्यान कुछ जाने नाहीं,
सीधो सट ही धारे,
तो पे लूण राई करवा दू,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह जा पावणा।
श्याम थारी मन में आवे
बाबा थारी याद सातवे,
दो दिन रह जा पावणा,
रह जा रह ज्या पावणा।
Beautiful Krishna Bhajan 2022 || श्यामा थारी मन में आवे || Rajni Rajasthani || Skylark Infotainment
मन की गहराइयों में एक तीव्र आकांक्षा जागती है, जहाँ भक्त का हृदय अपने प्रिय के दर्शन और सान्निध्य के लिए व्याकुल हो उठता है। यह भावना केवल बाहरी पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं, बल्कि एक गहरी आत्मिक चाह है, जो हर पल उस परम सत्ता के साथ एकाकार होने की पुकार है। यह पुकार ऐसी है, मानो आत्मा अपने स्वामी को पास बुलाकर, उसे अपने हृदय में सदा के लिए बसा लेना चाहती है। यहाँ भक्ति का स्वरूप सरल और सहज है, जिसमें भक्त अपनी सारी भावनाओं को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देता है, और उनके प्रेम में डूबकर एक पल के लिए भी वियोग सहन नहीं कर पाता। यह भावना उस अनन्य प्रेम की पराकाष्ठा है, जो भक्त और भगवान के बीच का बंधन अटूट बनाता है।
इस भक्ति में भक्त अपनी सारी सांसारिक संपत्ति और भावनाएँ प्रभु को अर्पित करने को तत्पर है, चाहे वह आभूषण हों, वस्त्र हों, या फिर उसका निश्छल मन। वह अपने प्रभु को हर रूप में सुशोभित देखना चाहता है, और इसके लिए वह अपनी ओर से हर संभव प्रयास करता है। यहाँ भक्त की सादगी और समर्पण का अद्भुत संगम दिखता है, जहाँ वह अपनी सीमित सामर्थ्य के साथ भी प्रभु को प्रसन्न करने का हर संभव यत्न करता है। यह आत्मिक लगाव केवल बाहरी उपहारों तक सीमित नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, जो प्रभु के प्रति उसकी निष्ठा को और भी गहरा करता है। यह समर्पण एक ऐसा बंधन रचता है, जो समय और परिस्थितियों से परे, अनंत काल तक बना रहता है।
इस भक्ति में भक्त अपनी सारी सांसारिक संपत्ति और भावनाएँ प्रभु को अर्पित करने को तत्पर है, चाहे वह आभूषण हों, वस्त्र हों, या फिर उसका निश्छल मन। वह अपने प्रभु को हर रूप में सुशोभित देखना चाहता है, और इसके लिए वह अपनी ओर से हर संभव प्रयास करता है। यहाँ भक्त की सादगी और समर्पण का अद्भुत संगम दिखता है, जहाँ वह अपनी सीमित सामर्थ्य के साथ भी प्रभु को प्रसन्न करने का हर संभव यत्न करता है। यह आत्मिक लगाव केवल बाहरी उपहारों तक सीमित नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, जो प्रभु के प्रति उसकी निष्ठा को और भी गहरा करता है। यह समर्पण एक ऐसा बंधन रचता है, जो समय और परिस्थितियों से परे, अनंत काल तक बना रहता है।
भगवान श्री कृष्ण के नाम का जाप अत्यंत फलदायी और पवित्र माना गया है। उनका नाम जप करने से व्यक्ति के मन में शांति, विश्वास और आत्म-ज्ञान की प्राप्ति होती है। कृष्ण मंत्र का नियमित जाप करने से मानसिक तनाव दूर होता है, नकारात्मकता समाप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कलियुग में, जब जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयाँ और भ्रष्टाचार बढ़ गए हैं, तब श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह जाप भक्त को भगवान के निकट लाता है, उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
भगवद्गीता में भी श्री कृष्ण के वचनों को मानवता के लिए अमूल्य संदेश माना गया है। श्री कृष्ण के मंत्रों में सबसे प्रसिद्ध है "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे" महामंत्र, जिसका जाप करने से मनुष्य के छह शत्रु (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईर्षा) नष्ट होते हैं, और उसे आध्यात्मिक शांति एवं परमगति की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप श्रद्धा और नियमितता से करने पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Album :- श्यामा थारी मन में आवे
Bhajan :- Shyama Thari Man Mein Aawe
Singer :- Rajni Rajasthani
Music :- Lovely Sharma
Lyrics :- Aditya Modi "Sonu"
Bhajan :- Shyama Thari Man Mein Aawe
Singer :- Rajni Rajasthani
Music :- Lovely Sharma
Lyrics :- Aditya Modi "Sonu"