सुनता है गुरु ग्यानी लिरिक्स Sunata Hai Guru Gyani Lyrics Pandit Kumar Gandharv

सुनता है गुरु ग्यानी लिरिक्स Sunata Hai Guru Gyani Lyrics Pandit Kumar Gandharv

 
सुनता है गुरु ग्यानी लिरिक्स Sunata Hai Guru Gyani Lyrics Pandit Kumar Gandharv

सुनता है गुरू ग्यानी |
गगनमें आवाज हो रही झीनी ||
पहिले आये नाद बिंदुसे
पीछे जमाया पानी ||
सब घट पूरण पूर रह्या है
अलख पुरूष निरबाणी ||
वाहांसे आया पटा लिखाया
तृष्णा तो उने बुझाई ||
अमृत छो़ड छोड विषय को धावे
उलटी कास फसानी ||
गगनमंडलमें गौ बियानी
भोई पे दुई जमाया ||
माखण-माखण संतो ने खाया
छाच जगत बपरानी ||
बिन धरती एक मंडल दीसे
बिन सरोवरजूं पानी ||
गगन मंडल में होय उजियाला
बोले गुरूमुख बाणी ||
ओहं सोहं बाजा बाजे
त्रिकुटी धाम सुहानी ||
इडा, पिंगला, सुखमन नारी
सुन धजा फहरानी ||
कहे कबीरा सुनो भाई साधो
जाई अगन की बानी ||
दिनभर रे जो नजर भर देखे
अजर अमर हो निशानी ||
हो जी निशानी हो जी ||

 
Pandit Kumar Gandharva sings Kabir - Sunta Hai Guru Gyani

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