महामृत्युंजय मंत्र संकट होगा दूर
महामृत्युंजय मंत्र हर संकट होगा दूर शिव के मंत्र से
|| ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ||
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ||
"ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर् मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ"
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ: यह भाग "ॐ" के साथ विभिन्न बीज मंत्रों का संयोजन है, जो शरीर के विभिन्न चक्रों को सक्रिय करता है और ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर् मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ: यह भाग महामृत्युंजय मंत्र का विस्तार है, जिसमें भगवान शिव की उपासना की जाती है।
महत्व और लाभ:
- इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति, तनाव में कमी, और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह मंत्र आत्मज्ञान की प्राप्ति और मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त करता है।
- महामृत्युंजय मंत्र को "मृत्यु पर विजय पाने वाला मंत्र" कहा जाता है, जो जीवन की रक्षा करता है।
- इस मंत्र के जाप से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
जाप विधि:
- नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करना चाहिए, 108 बार।
- मंत्र जाप के दौरान एकाग्रता बनाए रखें और भगवान शिव की उपासना करें।
- मंत्र जाप के साथ-साथ ध्यान और साधना भी करें।
इस मंत्र का नियमित जाप जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और आध्यात्मिक उन्नति की ओर मार्ग प्रशस्त करता है।
MAHAMRITYUNJAYA MANTRA : MIRACLE SHIVA MANTRA : महामृत्युंजय मंत्र :
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
