मन के दुःख संताप मिटेंगे
मन के दुःख संताप मिटेंगे
नाम रटेंगे जय शिव शंकर
जय शिव शंकर नमो नमः
भाव बंधन के पाप घटेंगे
दुःख मिटेंगे जय शिव शंकर
जय शिव शंकर नमो नमः
कित जाएँ बीहड़ रस्ता है
ना कुछ तेरा अता पता है
जनमानस की बुरी दसा है
कष्ट प्रदा है हे शिव शंकर
हे शिव भोले करता कारण
तेरे नाम का करें उच्चारण
तू करता है कष्ट निवारण
मन के दुःख संताप मिटेंगे
नाम रटेंगे जय शिव शंकर
व्यर्थ उमरिया बीत रही है
जीवन सरिता सूख गई है
दुखी आत्मा तृप्त भई है
सुमर रही है जय शिव शंकर
धुंदलाया प्रतिबिम्ब धर्म का
हुआ मोतियाबिंद भरम का
ये सारा है दोष करम का
मन के दुःख संताप मिटेंगे
नाम रटेंगे जय शिव शंकर
मन मति मंद दीन अति लोभी
कुंठित दीन हीन अति भोगी
ना जाने कब मिलोगे जोगी
कृपा होगी हे शिव शंकर
तीन लोक के तुम रखवाले
सबकी विनती सुनने वाले
इन चरणों में हमें बिठाले
मन के दुःख संताप मिटेंगे
नाम जपेंगे जय शिव शंकर
जय शिव शंकर नमो नमः
Shiv Bhajan by Suresh Wadkar - Jai Shiv Shankar (Man Ke Dukh Santap Mitenge)
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