मेरी वैष्णो मैया तेरी महिमा अपरम्पार भजन

मेरी वैष्णो मैया तेरी महिमा अपरम्पार भजन

(मुखड़ा)

मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार,
कलियुग में हर प्राणी के,
पापों का करो उद्धार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
(अंतरा 1)

हर एक प्राणी परलोक सवारे,
तेरे चरण में अपने पाप उतारे,
करुणामई तू सबके पापों,
का करती संहार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
(अंतरा 2)

ध्यानु भगत माँ तेरा गुण गाया,
तूने प्रेम अपना सारे भक्तों पे लुटाया,
श्रीधर सेवक को तूने गले से लगाया,
धन्य है तेरी कृपा मैया,
धन्य है तेरा प्यार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
(अंतरा 3)

ऊँचे पहाड़ा बैठी वैष्णो भवानी,
कठिन चढ़ाई चढ़के आए कल्याणी,
तेरे दर्शन मात्र से मैया,
सुख पाए संसार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
(अंतरा 4)

ज्ञान जगा दो अब तो हम सबका माँ,
कायम रख सके भक्त की गरिमा,
‘देवेंद्र’ ‘कैलाश’ की माँ है,
हृदय से ये पुकार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
(पुनरावृत्ति - मुखड़ा)

मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार,
कलियुग में हर प्राणी के,
पापों का करो उद्धार,
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार।।
 


मेरी वैष्णो मैया तेरी महिमा अपरम्पार!! Devendra Pathak ji maharaj
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