मेरे भोले दरबार में सबका खाता है

मेरे भोले दरबार में सबका खाता है

जितना जिसके भाग्ये में लिखा उतना ही पाता है,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है,

चाहे अमीर हो चाहे गरीब हो उनको इक समान,
सबकी बिगड़ी वो ही बनाये हम सब के भगवान्,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है

धर्म की एहजा धन की चिंता मत कर तू इंसान,
जैसा तेरा कर्म है वैसा फल देगा भगवन,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है

चेत समज ले मानव तू है दो दिन का मेहमान,
यहाँ कितने आकर चले गये तो कोई जाने को त्यार,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है

राजा हो जा रंक सभी है उनको एक समान,
देवो में वो महादेव है भूतो के सरदार,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है

भगमे भगवन छुपे है मानव तू पहचान,
गिरी कहे तू गिर के समबल जा ये जग है नादान,
प्रभु तेरा बनाया तुझको बनाये वो मानव नहीं है हैवान,
मेरे भोले के दरबार में सबका खाता है

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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