रे मन शिव का सुमिरण कर लिरिक्स Re Man Shiv Ka Sumiran Kar

रे मन शिव का सुमिरण कर लिरिक्स Re Man Shiv Ka Sumiran Kar Lyrics Shiv Bhajan Lyrics

रे मन शिव का सुमिरण कर लिरिक्स Re Man Shiv Ka Sumiran Kar Lyrics

रे मन शिव का सुमिरण कर,
शिव से आदि शिव से अंत है,
शिव ही अजर अमर,
रे मन शिव का सुमिरण कर।।

सत्य सजीव सनातन सुन्दर,
शिव ही सकल सुजान,
शिव ही नाद अबाद अगोचर,
शिव ही ताले सवर,
रे मन शिव का सुमिरण कर,
रे मन शिव का सुमिरण कर

शिव ही दृश्य नैन है शिव ही,
शिव महेश नटराज,
शिव पाताल मध्य में शिव है,
शिव है सदैव शिखर,
रे मन शिव का सुमिरन कर,
रे मन शिव का सुमिरण कर

शिव शक्ति सर्वोच्च सरल शिव,
शिव ही जग का सार,
शिव के बिना शेष बस शव है,
शिव ना कभी बिसर,
रे मन शिव का सुमिरन कर,
रे मन शिव का सुमिरण कर

रे मन शिव का सुमिरण कर,
शिव से आदि शिव से अंत है,
शिव ही अजर अमर,
रे मन शिव का सुमिरण कर 
 
 

Re Mann Shiv Ka Sumiran [Full Song] - Aayee Hai Shivratri


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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