साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे, पानी ले ले साबुन ले ले मलमल काय धोयी रे, अंतर घट का दाग ना छूटे निर्मल हैसे होई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे, या घट भीतर मेल बथेरे निर्मल कैसे होइ रे, सुखिया बैठे भजन करत है, दुखिया दिन भर रोई रे, साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे, या घट भीतर अग्नि जलत है धूम ना प्रगट रोई रे,
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi
इ दिल जाने अपना भाई, साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
घड बिन बेल बेल बिन तुम्बा, बिन पहले फल होये रे, कहे कबीर सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान ना होई रे, साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे, भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,