साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
पानी ले ले साबुन ले ले मलमल काय धोयी रे,
अंतर घट का दाग ना छूटे निर्मल हैसे होई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
या घट भीतर मेल बथेरे निर्मल कैसे होइ रे,
सुखिया बैठे भजन करत है, दुखिया दिन भर रोई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
या घट भीतर अग्नि जलत है धूम ना प्रगट रोई रे,
इ दिल जाने अपना भाई,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
घड बिन बेल बेल बिन तुम्बा,
बिन पहले फल होये रे,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान ना होई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
पानी ले ले साबुन ले ले मलमल काय धोयी रे,
अंतर घट का दाग ना छूटे निर्मल हैसे होई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
या घट भीतर मेल बथेरे निर्मल कैसे होइ रे,
सुखिया बैठे भजन करत है, दुखिया दिन भर रोई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
या घट भीतर अग्नि जलत है धूम ना प्रगट रोई रे,
इ दिल जाने अपना भाई,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
घड बिन बेल बेल बिन तुम्बा,
बिन पहले फल होये रे,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान ना होई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
साहिब तेरा भेद ना जाने कोय रे,
भेद ना जाने कोई रे भेद ना जाने कोई रे,
कबीर भजन - साहिब तेरा भेद न जाने कोई रे.
