मूरख बन्दे क्या है रे जग में तेरा लिरिक्स Murakh Bande Kya Hai Jag Me Tera Lyrics

मूरख बन्दे क्या है रे जग में तेरा लिरिक्स Murakh Bande Kya Hai Jag Me Tera Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

इस चेतावनी भजन में व्यक्ति को चेताया गया है की यह जग एक स्वप्न के समान है, यह स्थायी घर नहीं है। इसे स्थायी मानकर मायाजनित व्यवहार करना स्वंय की मूर्खता ही है। महल और माया किसी के साथ नहीं जाने वाली हैं, महज दो गज का कपड़ा ही अंत समय में काम में लिया जाना है। पाप कार्य छोड़कर हरी का सुमिरन और सद्कर्म ही इस जीवन का आधार हैं -सत श्री कबीर।
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा,
ये तो सब झूठा सपना है,
कुछ तेरा ना मेरा,
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा।

कितनी भी माया जोड़ ले,
कितने भी महल बना ले,
पर तेरे मरने के बाद में,
सुन तेरे ये घर वाले,
दो ग़ज कफ़न उढ़ा के तुझको,
छीन लेंगे तेरा डेरा,
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा।

कोठी बंगला कारे देख क्यों,
तू इतना इतराता है,
पत्नी और बच्चों के बीच तू,
फूला नहीं समाता है,
ये तो चार दिनों के चांदनी है,
अरे फिर आएगा अँधेरा,
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा।

मूरख अपनी मुक्ति का तू,
जल्दी कर उपाय,
अरे किसी दिन किसी घड़ी जाने,
तेरी बाह पकड़ ले जाए,
तेरे साथ में घूम रहा है,
बनकर काल लुटेरा,
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा।

पाप कमाया तूने बहुत,
अब थोड़ा धर्म कमा ले,
कुछ तो समय अब मानव,
तू राम नाम गुण गा ले,
राम नाम से मिट जायेगा,
जनम मरण का फेरा,
मूरख बन्दे, क्या है रे जग में तेरा।


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।  
 
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url