स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए शिव का मूल मंत्र
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।।
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।।
यह मंत्र 'द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र' से लिया गया है, जिसमें भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन है। सरल हिंदी में इसका अर्थ इस प्रकार है:
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।
सौराष्ट्र क्षेत्र में, जो स्वच्छ और अत्यंत सुंदर है, वहाँ चंद्रमा की कला (अर्धचंद्र) को आभूषण के रूप में धारण करने वाले, ज्योतिर्मय (प्रकाशमय) भगवान सोमनाथ भक्तों को भक्ति प्रदान करने के लिए कृपा से अवतरित हुए हैं। मैं उन सोमनाथ की शरण लेता हूँ।
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय। सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे।।
कावेरी और नर्मदा नदियों के पवित्र संगम पर, सज्जनों के उद्धार के लिए, मान्धाता नगरी (ओंकारेश्वर) में सदा विराजमान एकमात्र शिव, ओंकारेश्वर ईश्वर की मैं स्तुति करता हूँ।
Sauraashtradeshe Vishadetiramye Jyotirmayan Chandrakalaavatansam.
Bhaktipradaanaay Krpaavateernan Tan Somanaathan Sharanan Prapadye ..
Kaaverikaanarmadayo: Pavitre Samaagame Sajjanataaranaay.
Sadaiv Maandhaatrpure Vasantamonkaarameeshan Shivamekameede..
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