बोलिये भोले शंकर नाथ की दूल्हा बांके चले दिए शिव डमरू वारे लटके भुजंग नाग गले में नाग कारे भूतनाथ की शाक्त में भूत बाराती जिन्न खायी समशान देख बट्ट देख छाती पहुंच गए ससुराल में शभु त्रिपुरारी भूढ़े बालक जवान डरप गयी नारी शुक्र शनि दोउ बरात में आये खीर पूरी पकवान चाट सब खाये भूत घोट रही भंग को पियो भोले भंडारी फूंके गांजे की चिलम धुँआ होय भारी बैलम की पीठ पर बैठ के आयो नशेड़ी दूल्हा आयो नशेड़ी दूल्हा भोजन करे बरात भरे परिंदा कुल्हा रूप देख भोले नाथ को रोवे गोरा माता बेटी फूटे करम के हाय विधाता राख लगी जाके अंग में लम्बी सी दाढ़ी गौरा की सखियाँ हांसे सब ठाड़ी दुखी देखि जब गौरा हाय प्यारी भोले नाथ ने रूप सुन्दर लियो धारी भूत मशान अंतर ध्यान सुन्दर रूप खड़े भगवाना हँस के शिव के नार वरमाला डाली लहेउ शिव गौरा को ब्याव ख़ुशी नर नारी रामधन गुर्जर शरण है तेरी तेरी त्रिपुरारी बिगड़ी बात बनाओ के नाथ हमारी
दूल्हा बनके चले शिव डमरू वाले | Ramdhan Gujjar | Shiv Vivah | Shiv Bhajan | Rathore Cassettes