भजन आरती बाल कृष्ण की कीजै लिरिक्स Aarti Bal Krishna Ki Kije Lyrics Krishna Bhajan

भजन आरती बाल कृष्ण की कीजै लिरिक्स Aarti Bal Krishna Ki Kije Lyrics Krishna Bhajan Lyrics Hindi

आरती बाल कृष्ण की कीजै
अपना जन्म सफल कर लीजै

श्री यशोदा का परम दुलारा
बाबा के अँखियन का तारा
गोपियन के प्राणन से प्यारा
इन पर प्राण न्योछावर कीजै
आरती बाल कृष्ण की कीजै

बलदाऊ के छोटे भैया
कनुआ कहि कहि बोले मैया
परम मुदित मन लेत बलैया
अपना सरबस इनको दीजै
आरती बाल कृष्ण की कीजै

श्री राधावर कृष्ण कन्हैया
ब्रज जन को नवनीत खवैया
देखत ही मन लेत चुरैया
यह छवि नैनन में भरि लीजै
आरती बाल कृष्ण की कीजै

तोतली बोलन मधुर सुहावै
सखन संग खेलत सुख पावै
सोई सुक्ति जो इनको ध्यावे
अब इनको अपना करि लीजै

आरती बाल कृष्ण की कीजै
आरती बाल कृष्ण की कीजै
अपना जन्म सफल कर लीजै

 
श्री कृष्ण जी के नाम : श्री कृष्ण जी के १०८ नाम हैं जिन्हे कृष्ण जी के प्रिय नाम कहे जाते हैं। कृष्ण जी के १०८ नाम हैं यथा कृष्ण ,कमलनाथ, वासुदेव, सनातन, वसुदेवात्मज, पुण्य, लीलामानुष विग्रह, श्रीवत्स कौस्तुभधराय, यशोदावत्सल, हरि, चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा, सङ्खाम्बुजा युदायुजाय, देवाकीनन्दन, श्रीशाय, नन्दगोप प्रियात्मज, यमुनावेगा संहार, बलभद्र प्रियनुज, पूतना जीवित हर, शकटासुर भञ्जन, नन्दव्रज जनानन्दिन, सच्चिदानन्दविग्रह, नवनीत विलिप्ताङ्ग, नवनीतनटन, मुचुकुन्द प्रसादक, षोडशस्त्री सहस्रेश, त्रिभङ्गी, मधुराकृत, शुकवागमृताब्दीन्दवे, गोविन्द, योगीपति आदि जिन में से गोपाल, गोविन्द, मोहन, हरी, बांके बिहारी, श्याम ज्यादा लोकप्रिय हैं।

श्री कृष्ण जी का रंग : कुछ लोगों का मानना है की श्री कृष्ण जी का रंग मेघ श्यामल था, मतलब काला नीला और सफ़ेद। ऐसी मान्यता है की गोपियाँ कृष्ण के सांवले रंग के कारन उन्हें चिढ़ाती थी। चूँकि श्री कृष्ण जी विष्णु जी का अवतार थे इसलिए उनके अंदर सागर का नीला रंग समां गया था इसलिए उनका रंग कुछ नीला सा था। एक पौराणिक कथा के अनुसार श्री कृष्ण जी के बाल्य काल में वो बलराम और अपने मित्रों के साथ यमुना नदी के तट पर खेला करते थे। जो भी उस नदी में जाता था उसको कालिया सांप खा जाता था लेकिन श्री कृष्ण ने नदी में जाकर कालिया सांप का वध किया जिससे उनका रंग श्याम हो गया था।

श्री कृष्ण रास लीला : श्री कृष्ण जी की रास लीला के बारे में सभी जानते हैं लेकिन श्री राधा का उल्लेख किसी धार्मिक ग्रन्थ में नहीं है और श्री कृष्ण ने राधा से विवाह नहीं किया। श्री राधा जी श्री कृष्ण जी उम्र में पांच वर्ष बड़ी थी और माता यशोदा जी कृष्ण जी के राधा जी से विवाह के खिलाफ थीं। कुछ लोगों की मान्यता है की श्री कृष्ण और राधा जी का प्रेम अलौकिक प्रेम था, वह दैहिक प्रेम नहीं था। एक मत के अनुसार श्री राधा जी ने विवाह से इंकार कर दिया था क्यों की उन्हें लगता था की वे महलों के जीवन के लिए उनके लिए ठीक नहीं था। एक अन्य मत के अनुसार श्री कृष्ण जी ने ही विवाह से इंकार कर दिया था और तर्क दिया की एक आत्मा से कोई कैसे विवाह कर सकता है, क्योंकि उनका प्रेम दैहिक नहीं था।

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