रे मन हरी सुमिरन कर लीजे हरी सुमिरन कर लीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे
हरी को नाम प्रेम सु जपिए हरी रस रसना पीजे हरी गुण गाइए निरंतर हरी चरनन चित्त दीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे
Anup Jalota Bhajan Lyrics Hindi
हरी भक्तन की शरण ग्रहण करी हरी संग प्रीत करिजे हरी सम हरिजन समुजी मन तिनको सेवन कीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे
रे मन हरी सुमिरन कर लीजे हरी कही विधि सो हमसो रीझे सो ही प्रश्न करिजे हरिजन हरी मार्ग पर ही चाले अनुमति देहि सो कीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे रे मन हरी सुमिरन कर लीजे