मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे मेरी मैया ना माने भजन

मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे मेरी मैया ना माने भजन

(मुखड़ा)
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
अंबे न माने, जगदंबे न माने,
काली न माने, महाकाली न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।

(अंतरा)
मैया को भाए न रेशम की साड़ी,
मैया को भाए न रेशम की साड़ी,
चुनरिया कहाँ से मैं लाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।

(अंतरा)
मैया को भाए न ढोलक मंजीरा,
मैया को भाए न ढोलक मंजीरा,
ढोल नगाड़े, नगाड़े कहाँ से लाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।

(अंतरा)
मैया को भाए न मेवा मिठाई,
मैया को भाए न मेवा मिठाई,
हलवा पूरी कहाँ से मँगवाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।

(अंतरा)
मैया को भाए न बग्गी और घोड़ा,
मैया को भाए न बग्गी और घोड़ा,
शेर कहाँ से मँगवाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।

(पुनरावृति)
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने,
अंबे न माने, जगदंबे न माने,
काली न माने, महाकाली न माने,
मैया को कैसे मैं मनाऊँ रे,
मेरी मैया न माने।।
 


Maiyya Ko Kaise Main [Full Song] Maiyya Ko Kaise Main Manaun

जब मन मैया के चरणों में अटक जाए, और वह रूठी-सी प्रतीत हो, तो भक्त का हृदय व्याकुल हो उठता है। यह व्याकुलता उस बच्चे की सी है, जो माँ के रूठने पर छटपटाता है, यह सोचकर कि उसे कैसे मनाए। मैया, चाहे अम्बे, जगदम्बे, काली या महाकाली के रूप में हो, उसका हृदय भौतिक भेंटों से नहीं, बल्कि सच्चे मन की पुकार से पिघलता है। रेशम की साड़ी, ढोल-मंजीरा, मेवा-मिठाई, या शेर की सवारी—ये सब मनुष्य की सीमित समझ के उपहार हैं। मैया तो उस शुद्ध भाव को देखती है, जो बिना किसी अपेक्षा के अर्पित हो।

जैसे कोई गरीब अपनी झोली में दो फूल ले आया और माँ के चरणों में रख दिया, वही उसे प्रिय है। मन की वह सादगी, वह निश्छल श्रद्धा, जो बिना दिखावे के उभरती है, वही मैया को मनाती है। संसार की हर वस्तु क्षणभंगुर है, पर भक्त का विश्वास अमर है। जब मन में यह यकीन जग जाए कि मैया मेरी है, मेरे हर दुख-सुख की साक्षी है, तब ढोल-नगाड़ों की जरूरत नहीं रहती।

इसलिए, मैया को मनाना है तो मन को निर्मल करो। उसे अपनी कमजोरियों, अपनी गलतियों के साथ स्वीकार करो। जैसे सागर में नदी बिना शर्त मिल जाती है, वैसे ही अपने भावों को मैया के चरणों में समर्पित कर दो। वह रूठती नहीं, बस हमारी आँखें उसे देख नहीं पातीं। एक बार सच्चे मन से पुकारो, मैया दौड़ी चली आएगी।

Bhajan: Maiyya Ko Kaise Mai Manaun
Singer: Pt. Ram Avtar Sharma
Music Director: Lovely Sharma
Lyricist: Pt. Ram Avtar Sharma,Krishna Tanwar,Naresh Narsi,Manohar
Album: Maiya Ko Kaise Main Manaun 

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