लाल लाल चुनरी की अजब कहानी माता भजन

लाल लाल चुनरी की अजब कहानी माता भजन

(मुखड़ा)
लाली मेरी मात की,
जित देखूँ तित लाल,
लाली देखन मैं गया,
मैं भी हो गया लाल।।

लाल-लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी,
अंबे भवानी, जगदंबे भवानी,
अंबे भवानी, जगदंबे भवानी।।

(अंतरा)
ब्रह्मा जी ने इसको बनाया,
विष्णु ने डारी जरदारी,
चम-चम, चम-चम चमके चुनरिया,
भोले ने है रंग डारी,
भक्ति-भाव से भगत चढ़ाते,
भक्ति-भाव से भगत चढ़ाते,
जो है प्रीत की निशानी,
लाल-लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी।।

मैया को भाए मोरी लाल चुनरिया,
जी भर देखूँ, पर हटे ना नजरिया,
मैया को भाए मोरी लाल चुनरिया,
जी भर देखूँ, पर हटे ना नजरिया,
तोहे ध्याऊँ मैं साँझ-सवेरे,
तोहे ध्याऊँ मैं साँझ-सवेरे,
तू जगत की माँ वरदानी,
लाल-लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी।।

प्रीत का बंधन कभी ना टूटे,
मैया मोरी, तू ना रूठे,
दम जो निकले, तेरे चरणों में,
साहिल का ये दर ना छूटे,
माफ़ हमें माँ कर देना गर,
माफ़ हमें माँ कर देना गर,
हो जाए जो नादानी,
लाल-लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी।।

(पुनरावृति)
लाल-लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी,
अंबे भवानी, जगदंबे भवानी,
अंबे भवानी, जगदंबे भवानी।।
 


#लाल लाल चुनरी की अजब कहानी by #कमलेश सोनी
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