जीवन की राहों पर ए पथिक चलना
जीवन की राहों पर ए पथिक चलना
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
कोई तुझे पुकार रहा
पीछे मेरे आजा आजा आजा
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
आशीष की राहें खुली खुली अब
कोई पुकारे हर पल तुझे
आराधना के स्वर जग गए हैं
गूंजा दो साडी ज़मी आसमा
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
देना है अपन आजीवन प्रभु को
आवाज़ उसकी बुलाए भी
जागृति के मधुर सुरून को
गहराई से स्वीकार लो
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
पथिक चलना संभल संभल कर
कोई तुझे पुकार रहा
पीछे मेरे आजा आजा आजा
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
आशीष की राहें खुली खुली अब
कोई पुकारे हर पल तुझे
आराधना के स्वर जग गए हैं
गूंजा दो साडी ज़मी आसमा
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
देना है अपन आजीवन प्रभु को
आवाज़ उसकी बुलाए भी
जागृति के मधुर सुरून को
गहराई से स्वीकार लो
जीवन की राहों पर ए
पथिक चलना संभल संभल कर
jeevan ki rah par (With Lyrics) - from album Shifa
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