देव गजानन संकट हरण रिद्धि सिद्धि लिरिक्स Dev Gajanan Sankat Haran Lyrics

देव गजानन संकट हरण रिद्धि सिद्धि लिरिक्स Dev Gajanan Sankat Haran Lyrics

 
देव गजानन संकट हरण रिद्धि सिद्धि लिरिक्स Dev Gajanan Sankat Haran Lyrics

देव गजानन संकट हरण
रिद्धि सीधी के है भण्डार
शरण तिहारी आये है
देव गजानन संकट हरण
रिद्धि सीधी के है भण्डार
शरण तिहारी आये है

सोने को तेरे छतर सोहे
मुकट की शोभा न्यारी है
माथे पर तेरे तिलक सोहे
कुण्डल चमके भारी है
देव गजानन संकट हरण
रिद्धि सीधी के है भण्डार
सूंड निराला तेरे सोहे
हाथ में फरसा भारी है
तन पर रेशमी वस्त्र सोहे
गले में हार हज़ारी है
देव गजानन संकट हरण
रिद्धि सीधी के है भण्डार
शरण तिहारी आये है

योग ऋषि और ज्ञानि जन को
गणपति तुम उद्धार करो
जो जन तेरा ध्यान धरे है
उनको भव से पार करे
देव गजानन संकट हरण
रिद्धि सीधी के है भण्डार
शरण तिहारी आये है


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