देव गजानन संकट हरण रिद्धि सीधी के है भण्डार शरण तिहारी आये है
देव गजानन संकट हरण रिद्धि सीधी के है भण्डार शरण तिहारी आये है
सोने को तेरे छतर सोहे मुकट की शोभा न्यारी है माथे पर तेरे तिलक सोहे कुण्डल चमके भारी है
Ganesh Bhajan Lyrics Hindi
देव गजानन संकट हरण रिद्धि सीधी के है भण्डार सूंड निराला तेरे सोहे हाथ में फरसा भारी है तन पर रेशमी वस्त्र सोहे गले में हार हज़ारी है देव गजानन संकट हरण रिद्धि सीधी के है भण्डार
शरण तिहारी आये है
योग ऋषि और ज्ञानि जन को गणपति तुम उद्धार करो जो जन तेरा ध्यान धरे है उनको भव से पार करे देव गजानन संकट हरण रिद्धि सीधी के है भण्डार शरण तिहारी आये है
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