लाख दुखों की एक दवा है जो आजमाए

लाख दुखों की एक दवा है जो चाहे आजमाए ॐ नमः शिवाय

 
लाख दुखों की एक दवा है लिरिक्स Laakh Dukho Ki Ek Dava Hai Lyrics

लाख दुखों की एक दवा है
जो चाहे आजमाए
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

मुनि मार्कण्डेय ने
मौत को देखके मंत्र उच्चारा
शिव दौड़े कैलाश छोड़कर
ओर यम को ललकारा

जहां कृपा हो महाकाल की
वहां काल ना जाय
मंत्र नहीं साधारण है
ये है मुक्ति का दाता
जल अग्नि वायु नभ धरती
सबका है निर्माता
इन्हीं पांच अक्षर में
शिव का रूप नजर आ जाये
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

ऋषि मुनि दानव मानव में
समझे ना कोई अंतर
मिला उसे वरदान जो
जपता मंत्र यही निरंतर
ॐ नमः शिवाय मंत्र
ये सारे कष्ट मिटाये
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

उठत बैठत सोवत जागत
भक्तों जपो ये मन से
पलट जाए किस्मत का पन्ना
भक्ति और भजन से
सुख की गंगा फिर जीवन में
लहर लहर लहराए
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय


Laakh Dukhon Ki Ek Dawa · Lakhbir Singh Lakkha

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