ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरु में दिन रेन दर्श बिन मन होता बेचैन की भर भर आते हैं दो नैन ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरु में दिन रेन दर्श बिन मन होता बेचैन
की भर भर आते हैं दो नैन
ये नैना प्यासे जनम जनम से कब होंगे दर्शन प्यारे प्रेम के सागर हो मेरे ठाकुर प्रेम जरा छलका रूप दिखा दो मेरे श्याम तुम बिन कौन रखेगा ध्यान तेरी रहे तके ये नैयन ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरु में दिन रेन दर्श बिन मन होता बेचैन
Khatu Shyam Ji Bhajan Lyrics in Hindi
की भर भर आते हैं दो नैन
हम है तुम्हारे तुम हो हमारे मात पिता तुम मेरे दूर करो न बाबा आकर जीवन के मेरे अँधेरे विनती सुनलो दीनानाथ आकर थामो हाथ मेरा कोटि कोटि तुम्हे ये नमन ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरु में दिन रेन दर्श बिन मन होता बेचैन
की भर भर आते हैं दो नैन
निष्ठुर बनो न मेरे कान्हा किरपा जरा बरसा दो बेटी समज के बबिता को अपनी सर पे हाथ फिरा दो चरणों में तेरे संसार दे दे सेवा का अधिकार आज खाली न लौटेगे हम ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरु में दिन रेन दर्श बिन मन होता बेचैन की भर भर आते हैं दो नैन जय श्री श्याम दरबार की