किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया

किसी से उनकी मंज़िल का पता पाया नहीं जाता


किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता,
जहाँ है वो फ़रिश्तों का वहाँ,
साया नहीं जाता।

मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल,
ममखसुस होते हैं,
ये वो नग़्मा है जो हर एक साज़ पे,
गाया नहीं जाता,
किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता।

फ़क़ीरी में भी मुझको माँगने में,
शर्म आती है,
तेरा हो के किसी से हाथ,
फैलाया नहीं जाता,
किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता।

चमन तुमसे ही रोशन है,
बहारें तुमसे हैं ज़िंदा,
तुम्हारे सामने फूलों से,
मुरझाया नहीं जाता,
किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता।

मोहब्बत की नहीं जाती,
मोहब्बत हो ही जाती है,
ये शोला खुद भड़कता है,
इसे भड़काया नहीं जाता,
किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता।

मेरे टूटे हुए पैरों तलब का,
मुझपे एहसान है,
तेरे दर से उठ के अब कहीं,
जाया नहीं जाता,
किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता।

किसी से उनकी मंज़िल का पता,
पाया नहीं जाता,
जहाँ है वो फ़रिश्तों का वहाँ,
साया नहीं जाता।


01-KIRTIDAN GADHVI-KISISE UNKI MANZIL KA PATA-ASHADHI BIJ-2014-TORNIYA

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