जब होवे सच्चा प्यार भजन
जब होवे सच्चा प्यार भजन
जब होवे सच्चा प्यार
कौन कहता है दीदार नहीं होता,
आदमी खुद ही तलबगार नहीं होता।
उनसे मिलना है तो पहले प्रहलाद बनो,
वरना यूँ ही नरसिंह का अवतार नहीं होता।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया,
क्यों ना मिले कन्हैया, क्यों ना मिले कन्हैया।
जब मिले जय हो, तार से तार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
चंचल मन को तू समझा ले,
हरि चरणों में प्रीत लगा ले।
और मन से जय हो, तज अहंकार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
वन में बैठी शबरी माई,
राम नाम की लगन लगाई।
किए दर्शन जय हो, अवध कुमार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
पिता ने जब प्रहलाद सताया,
अपने प्रभु का ध्यान लगाया।
तब नरसिंह जय हो, लिया अवतार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
दुर्योधन ने जाल बिछाया,
अर्जुन शरण, कृष्ण के आए।
बने सारथी जय हो, कृष्ण मुरार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
जो तू भजन करे दिन-रात,
श्याम सुंदर बन जाए साथी।
तू शरण तो जय हो, आ एक बार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
कौन कहता है दीदार नहीं होता,
आदमी खुद ही तलबगार नहीं होता।
उनसे मिलना है तो पहले प्रहलाद बनो,
वरना यूँ ही नरसिंह का अवतार नहीं होता।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया,
क्यों ना मिले कन्हैया, क्यों ना मिले कन्हैया।
जब मिले जय हो, तार से तार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
चंचल मन को तू समझा ले,
हरि चरणों में प्रीत लगा ले।
और मन से जय हो, तज अहंकार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
वन में बैठी शबरी माई,
राम नाम की लगन लगाई।
किए दर्शन जय हो, अवध कुमार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
पिता ने जब प्रहलाद सताया,
अपने प्रभु का ध्यान लगाया।
तब नरसिंह जय हो, लिया अवतार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
दुर्योधन ने जाल बिछाया,
अर्जुन शरण, कृष्ण के आए।
बने सारथी जय हो, कृष्ण मुरार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
जो तू भजन करे दिन-रात,
श्याम सुंदर बन जाए साथी।
तू शरण तो जय हो, आ एक बार,
क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार, क्यों ना मिले कन्हैया।
जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया | 1.3.2022 | श्री गोकर्ण तीर्थ रोहतक | @VrajBhav
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Voice: बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज
Video Name: जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Voice: बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज
Video Name: जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया
You may also like
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
