पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला

पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला

पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला, करिश्मा कैसा कर डाला,
फैला ज्योति का जग में उजाला, करिश्मा कैसा कर डाला,
करिश्मा कैसा कर डाला।

मैया ने महिमा ये सबको दिखाई,
पर्वत से मैया की ज्योत लहराई।
माँ का चमत्कार सबसे निराला,
पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला, करिश्मा कैसा कर डाला।

अभिमानी राजा ने छत्र चढ़ाया,
उसके उपहार को माँ ने ठुकराया।
सोने का ताज पल में कर दिया काला,
पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला, करिश्मा कैसा कर डाला।

कांगड़े वाली माँ की शान निराली,
जो भी सवाली आए, लौटे न खाली।
भक्तों के संकट को हरदम है टाला,
पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला, करिश्मा कैसा कर डाला।

हरदम लगे यहाँ भक्तों का ताँता,
मन की मुरादें यहाँ हर कोई पाता।
नवरात्रों में लगे यहाँ मेला अलबेला,
पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला, करिश्मा कैसा कर डाला।
 

शुक्रवार शक्ति पीठ माँ ज्वाला देवी की महिमा:पर्वत चीर के निकली माँ ज्वाला:Parvat Cheer Ke Nikli Maa

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