दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये लिरिक्स Deen Bandhu Dina Nath Lyrics

दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये लिरिक्स हिंदी Deen Bandhu Dina Nath Meri Sudh Lije

 
दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये लिरिक्स Deen Bandhu Dina Nath Lyrics

दीन बंधू दीनानाथ मोरी सुध लीजिये
दीन के दयाल दाता मोपे दया कीजिये
मेरी सुध लीजे दाता मेरी सुध लीजे

भाई नहीं बन्धु नाही कुटुंब कबीलों नाही
ऐसो कोई मित्र नाही जासे कछु लीजिये
मेरी सुध लीजे दाता मेरी सुध लीजे

खेती नहीं बाडी नहीं बिणज व्यापार नहीं
ऐसो कोई सेठ नहीं जासे कछु लीजिये
मेरी सुध लीजे दाता मेरी सुध लीजे

सोने को सुनयो नाही रुपे को रुप्यो नाही
कोडी पैसा पास नाही कहो केसे कीजिये
मेरी सुध लीजे दाता मेरी सुध लीजे

कहता है मलुकदास छोड़ दे बिरानी आस
सांचो नाम तेरो दाता और किसको लीजिये
मेरी सुध लीजे दाता मेरी सुध लीजे
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये,
मेरी सुध लीजै दाता मेरी सुध लीजिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,मेरी सुध लीजिये|
भाई नाहिं,बन्धु नाहिं,कुटुम्ब -परिवार नाहिं ।
ऐसा कोई मीत नाहिं,स्वार्थ बिना लीजिये|
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये,
मेरी सुध लीजै दाता मेरी सुध लीजिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,मेरी सुध लीजिये|
सोने की सलय्या नाही,रूपे को रुपय्या नाही|
कोडी पैसा पास नाही जासे कछु लीजिये|
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये,
मेरी सुध लीजै दाता मेरी सुध लीजिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,मेरी सुध लीजिये|
खेती नाही बाडी नाही बनिज ब्यापार नाही|
ऐसो कोई साहू नाही जहां सेंध कीजिये|
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये,
मेरी सुध लीजै दाता मेरी सुध लीजिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,मेरी सुध लीजिये|
कहत है मलूकदास छोड़ि दे पराई आस|
प्रभु की शरण में रह के,हरि की शरण में रह के,
बाहर ना पसीजिये|
दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये,
मेरी सुध लीजै दाता मेरी सुध लीजिये,
दीनबन्धु दीनानाथ,मेरी सुध लीजिये|

श्री भगवान दीनबंधु हैं जिसका शाब्दिक अर्थ है "गरीबों का मित्र, गरीबों का सहाय " या "दीन हीन का सखा"।  श्री कृष्ण जी को जो की श्री विष्णु जी के अवतार है, दीनबंधू कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों की विकट स्थिति में उनकी सहायता करते हैं।

दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये

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1 टिप्पणी

  1. Super