जावो नुगरी कायाथारो काई गुण गावा
जावो नुगरी काया
थारो काई गुण गावा
थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रह नहीं पाया
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
काठी लेना कास बाँध लेना
कटिया अरे हा रे हा रे
सोना हंदा महल रूपा हंदा
कठे तो गयो इन नगरी को राजा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
बालू की भींत अटारी
का चढ़ना
हां रे हा
ओछे से प्रीत
कटारी का मरना
जाओ नुगरी काया
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
गादी गलीचा धरा महल में
एक दिन जलेगा काया
लकड़ी के संग में
जाओ नुगरी काया
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
कहे हो कबीरा साहेब
जुग जुग जीवना
इन ममता ने मार न
भसम कर पीवना
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
थारो काई गुण गावा
थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रह नहीं पाया
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
काठी लेना कास बाँध लेना
कटिया अरे हा रे हा रे
सोना हंदा महल रूपा हंदा
कठे तो गयो इन नगरी को राजा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
बालू की भींत अटारी
का चढ़ना
हां रे हा
ओछे से प्रीत
कटारी का मरना
जाओ नुगरी काया
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
गादी गलीचा धरा महल में
एक दिन जलेगा काया
लकड़ी के संग में
जाओ नुगरी काया
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
कहे हो कबीरा साहेब
जुग जुग जीवना
इन ममता ने मार न
भसम कर पीवना
थारो काई गुण गावा
काई गुण गावा
अब थारो काई जस गावा
महल बनाया
हंसा रहबा नहीं पाया
Kabir bhajan :- महल बनाया हंसा रह नही पाया,,, by prahlad singh tipaniya
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
